दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज कराए गए आय से अधिक संपत्ति के मामले को खारिज करने की मांग की थी।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के एक अक्टूबर, 2015 के उस आदेश को भी निरस्त कर दिया, जिसमें सीबीआई को अदालत की अनुमति के बिना इस मामले में गिरफ्तारी करने, पूछताछ करने या आरोप पत्र दायर करने से रोका गया था। कोर्ट ने कहा कि रिट याचिका खारिज की जाती है। रोक को निरस्त किया जाता है।
सिंह ने अपनी याचिका में अदालत से अनुरोध किया था कि वे उनके और उनकी पत्नी के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 132 और 131ई और भादंसं की धारा 109 के तहत सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी को रद्द करने का निर्देश दे। इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया था कि वे प्राथमिक जांच और प्राथमिकी के रिकॉर्ड तलब करे। सीबीआई ने 23 सितंबर 2015 को प्राथमिकी दर्ज की थी।