भारत और रूस ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि कुछ अमित्र ताकतें या कारक हो सकते हैं जो द्विपक्षीय संबंधों में शायद अवरोध पैदा करने की कोशिश कर सकते हैं. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रशियन फेडरेशन की फेडरल सिक्योरिटी सर्विस (एफएसबी) के निदेशक अलेक्जेंद्र बोर्तिनिकोव के नेतृत्व में नौ सदस्यीय रूसी प्रतिनिधिमंडल से यहां मुलाकात की, जिसमें भारत-रूस संबंधों पर विस्तार से चर्चा हुई.
एक परिवार की तरह हैं भारत और रूस के संबंध : राजनाथ
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, ‘दोनों पक्षों ने यह भी माना कि कुछ अमित्र ताकतें या कारक हो सकते हैं जो द्विपक्षीय संबंधों में अवरोध पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन इस तरह के प्रतिकूल अभियान नियमित संवाद और आपसी सहयोग से मजबूत होती गहन समझ को प्रभावित करने में सक्षम नहीं हैं.’ सिंह ने मेहमान दल से कहा कि भारत और रूस के संबंध परिवार की तरह हैं और द्विपक्षीय संबंध अंतरराष्ट्रीय तथा राजनीतिक संबंधों की बदलती प्रकृति के बीच भी कायम रहे. करीब 45 मिनट की प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत में गृह मंत्री ने भारत के पड़ोसी देश से आतंकवाद को प्रायोजित किये जाने के मुद्दे को उठाया और कहा कि ‘यह केवल भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए खतरा है.’ सिंह ने कहा कि आतंकवाद के प्रति भारत की कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति है.