Saturday, July 27, 2024
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करवा चौथ: ये है पूजा का शुभ मुहुर्त और जाने क्या होते हैं व्रत को करने के रिवाज…

SI News Today

हिंदू धर्म में त्योहारों की मान्यता बहुत अधिक है। हर माह में कोई पर्व आ जाता है और गणेश चतुर्थी के पश्चात त्योहारों के मौसम की शुरुआत हो जाती है। इसी तरह कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को किया जाने वाला उपवास सुहागन स्त्रियों के लिए बहुत अधिक होता है। इस दिन करवाचौथ का व्रत किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की उम्र लंबी की प्रार्थना करती हैं और उनका गृहस्थ जीवन सुखध रहे इसके लिए व्रत करती हैं। पूरे भारत में हर त्योहार को धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन उत्तर भारत खासकर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश आदि में तो इस त्योहार की अलग ही रौनक देखने को मिलती है। करवाचौथ व्रत के दिन एक और जहां दिन में कथाओं का दौर चलता है तो दूसरी और दिन ढलते ही विवाहिताओं की नजरें चांद के दिदार के लिये बेताब हो जाती हैं। चांद देखने के बाद ही महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं। इस दिन कुंवारी कन्याएं भी व्रत रखती हैं, जिनकी सगाई हो गई हो और शादी में समय हो। पूरे भारतवर्ष में हिन्‍दू धर्म में आस्था रखने वाले लोग बड़ी धूमधाम से करवाचौथ मनाते हैं। हालांकि उत्तर भारत खासकर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश आदि में इस रात की रौनक अलग ही होती है।

करवाचौथ शादीशुदा महिलाओं का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। इस त्योहार की महत्वता एक समय में बहुत हुआ करती थी, इस दिन सभी शादीशुदा महिलाएं इकठ्ठा होकर पूजा करती थी और पंरपराओं के अनुसार मां गौरी का पूजन करती थीं। मां गौरी भगवान शिव की पत्नी हैं इस दिन उनकी कथा सुनना शुभ माना जाता है। महाभारत के वर्ण पर्व के अनुसार करवाचौथ इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन देवी सावित्रि ने अपने पति के प्राण वापस लाने के लिए यमदूत से प्रार्थना की थी और उसके लिए व्रत किया था। एक अन्य कहानी के अनुसार महिलाएं अपने पति की रक्षा के लिए व्रत करती थी, जब उनके पति कई दिनों के लिए युद्ध पर जाते थे। इस दिन वो भूखी रहती थी और अपने सबसे सुंदर वस्त्र पहनती थीं।

इस बार करवाचौथ रविवार यानि 8 अक्टूबर को है। इस दिन समय पर पूजा और कथा करने से सभी सुहागन महिलाओं को वरदान मिलता है। करवाचौथ की पूजा का शुभ मुहुर्त शाम 5 बजकर 54 मिनट से शुरु होकर शाम 7 बजकर 9 मिनट तक ही है। इस दौरान महिलाएं अपने रिति-रिवाजों के अनुसार पूजा और कथा सुनती हैं। इस दिन महिलाओं को चांद निकलने का बेसब्री से इंतजार रहता है। 8 अक्टूबर की रात भारत में चांद रात 8 बजकर 11 मिनट पर निकलेगा। अपने पति की लंबी आयु का व्रत रखने वाली महिलाएं चांद की पूजा करती हैं।

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