जम्मू-कश्मीर, खास तौर पर दक्षिणी कश्मीर, में उग्रवादियों द्वारा पुलिसवालों के घरों पर हमले की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर उनसे “अगले कुछ महीनों” तक अपने घर न जाने के लिए कहा गया है। शनिवार (15 अप्रैल) रात को भी ऐसे दो हमले हुए। पुलिसवालों को घर जाते समय “विशेष सावधानी” बरतने की सलाह दी गयी है और जहां तक हो सके “कुछ महीनों तक” घर जाने से बचना है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी ने शनिवार को राज्य के सभी अधिकारियों को इस बाबत निर्देश भेजे।
दक्षिणी और सेंट्रल कश्मीर में कम से कम पांच पुलिसवालों के घरों पर उग्रवादियों के हमले की बात सामने आयी थी। उग्रवादियों ने पुलिसवालों के घरों में घुसकर उनके परिजनों को धमकाया, उनके घरेलू सामान तोड़े और पुलिस की नौकरी न छोड़ने पर परिणाण भुगतने की धमकियां दीं।
ताजा मामले में उग्रवादी दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जिले में रहने वाले दो पुलिसवालों के घरों में घुस गये और उनसे नौकरी छोड़ने के लिए कहा और बात न मानने पर अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहने को कहा। हाजीपुरा गांव में रहने वाले पुलिसवाले को उग्रवादियों ने मारापीटा और उसके घर के खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए। स्थानीय सूत्रों के अनुसार उग्रवादियों ने पुलिसवालों से कहा कि अपने इस्तीफे की घोषणा स्थानीय मस्जिद के लाउडस्पीकर से करें। हाजीपुरा के बाद नकाब पहने उग्रवादी मेलदूरा गांव में रहने वाले पुलिसवाले के घर गये। उग्रवादियों ने पुलिसवाले के घर में तोड़फोड़ की। घटना के समय पुलिस का जवान घर पर नहीं था। उग्रवादियों ने पुलिसवाले के परिजनों से इस्तीफा दिलवाने के लिए कहा।
पुलिस एडवाइजरी में कहा गया है कि “उनकी (पुलिसवालों) की सुरक्षा सर्वोपरी प्राथमिकता है।” पुलिस डीजीपी कार्यालय द्वारा जारी एडवाइजरी को “मोस्ट अर्जेंट” बताया गया है। सभी यूनिट के हेड को अपने अफसरों और जवानों को इन निर्देशों और आशंकाओं से वाकिफ कराने का निर्देश दिया गया है। एडवाइजरी में निर्देश दिया गया है कि “सभी पुलिसबलों की जानो-माल की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित की जाये।”
जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी एसपी वैद ने एडवाइजरी जारी किए जाने की पुष्टि करते हुए इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “एहतियात क्यों न बरता जाए? अगर आतंकवादी पुलिसवालों को निशाना बना रहे हैं तो उन्हें सावधानी क्यों नहीं रखनी चाहिए?” पिछले साल हिज्बुल कमांडर के आतंकी बुरहान वानी के एक मुठभेड़ में मारे जाने के बाद कश्मीर घाटी में हुए उपद्रवों के दौरान पुलिसवालों के घरों पर पोस्टर लगाए गये थे कि प्रदर्शनकारियों के “तंग” न करें।