कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाधी को उस समय थोड़ी असहज परिस्थितियों का सामना करना पड़ा जब उनके बुलाने पर भी डिनर पर काफी कांग्रेसी सांसद देर से पहुंचे। सोनिया गांधी ने हनुमान जयंती के अवसर पर अपने सभी सांसदों को मंगलवार शाम डिनर पर आमंत्रित किया था। डिनर का समय शाम 8 बजे तय था। सोनिया, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी समेत कुछ सांसद तो समय पर पहुंच गए, लेकिन आधे से ज्यादा सांसद लगभग आधे घंटे की देरी से दावत में पहुंचे। एक वक्त था जब यूपीए सत्ता में थी तब कोई भी सांसद इस तरह से सोनिया के बुलावे पर समय से पहले पगहुंच जाते थे। सोनिया ने इस डिनर का आयोजन किसी पांच सितारा होटल या अपने आवास पर ना कर संसद भवन में के ही कमरा नंबर 70 में किया।
मंगलवार की शाम कांग्रेस अध्यक्षा ने अपने 44 लोकसभा और 59 राज्यसभा सांसदों के लिए संसद परिसर में इस रात्रि भोज का आयोजन किया था। डिनर में शाही भोजन की जगह पर संसद की कैंटीन से ही खाने का इंतजाम रखा गया था। माना जा रहा था कि इस दावत में कांग्रेस की आगे की रणनीतियों पर भी चर्चा करने का कार्यक्रम था। हालांकि दावत में देरी से पहुंच कर बहुत से सांसदों ने अनजाने में पार्टी के भीतर गांधी परिवार के कम होते रुबाब को जाहिर कर दिया। इससे पहले कभी ऐसा नहीं देखा गया था कि इस तरह की किसी दावत में कांग्रेस सांसदों ने इतनी उदासीनता दिखाई हो।
वहीं इससे अलग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दावतों में बिल्कुल उल्टा रंग देखने को मिलता है। पीएम की दावत में शायद ही कोई देरी से पहुंचने की हिमाकत कर पाता है। सभी की कोशिश ये रहती है कि कार्यक्रम स्थल पर पीएम से पहले पहुंच कर अपनी उपस्थिति दर्ज करा गदी जाए। खैर शायद सत्ता की ताकत ये ही है। सत्ता जाने के साथ ही बहुत सी ऐसी चीजें भी बदल जाती हैं जिनका अंदाजा शायद ही किसी को हो।