हेग के इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जुरिस्डिक्शन(ICJ) में कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा को बरकरार रखने के लिए पाकिस्तान सरकार की तरफ से जो वकील दलीलें पेश कर रहा था उसने कभी भारत सरकार के लिए भी पैरवी की थी। जी हां साल 2004 में यूपीए सरकार ने खावर कुरैशी को अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में भारत की तरफ से पैरवी के लिए नियुक्त किया था। WION समाचार के अनुसार के मुताबिक साल 2004 में महाराष्ट्र में रत्नागिरी दाभोल परियोजना में एनरॉन कंपनी ने भारत सरकार पर 6 अरब अमेरिकी डॉलर का केस कर दिया था। जब यह मामला इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन में गया तो अपना केस लड़ने के लिए भारत सरकार ने खावर कुरैशी को ही अपना वकील नियुक्त किया था।
आपको बता दें कि खावर कुरैशी लंदन के बड़े पत्रकार हैं। कुरैशी ने ICJ में कुलभूषण जाधव केस की पैरवी के लिए पाकिस्तान सरकार से लगभग 5 करोड़ रुपए लिए। ICJ में खावर कुरैशी ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा बरकरार रखने के लिए एक से एक दलीलें पेश कीं। हालांकि खावर की कोई भी दलील जाधव की फांसी को बरकरार नहीं रख पाई और पाकिस्तान को इस केस में भारत के हाथों मुंह की खानी पड़ी।
कुलभूषण जाधव केस में भारत की तरफ से भारत के सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने पैरवी की। जहां पाकिस्तान सरकार 5 करोड़ रुपए खर्च करके भी हेग में हार गई वहीं इस भारतीय वकील ने मात्र 1 रुपए की फीस लेकर इस केस में कामयाबी हासिल की।
आपको बता दें कि भारतीय मूल के कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान सरकार ने उनदे देश में जासूसी के जुर्म में फांसी की सजा सुनाई है। इसी सजा को चुनौती देते हुए भारत ये केस इंटरनेशनल कोर्ट में ले गया। कोर्ट ने फिलहाल जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है।