Saturday, July 27, 2024
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केजरीवाल के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी, हो सकती है 2 साल की सजा

SI News Today

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी करने के मामले में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पीएम के खिलाफ बयान देने पर केजरीवाल के खिलाफ असम की एक अदालत ने वारंट जारी किया है। केजरीवाल ने पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री की डिग्री पर सवाल उठाते हुए उन्हें 12 वीं पास कहा था। दिल्ली के सीएम ने 15 दिसंबर को किए अपने ट्वीट में पीएम मोदी पर हमला करते हुए लिखा- “मोदीजी 12 वीं पास हैं। उसके बाद की डिग्री फर्जी है।” केजरीवाल ने एक ट्वीट पर रि-ट्वीट करते हुए यह बात कही थी। जिसके लेकर बीजेपी के नेता सूर्य रॉन्घर ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया। जिसके आधार पर पुलिस ने दिल्ली के सीएम के खिलाफ आईपीसी की धारा 499, धारा 500 और धारा 501 में मुकदमा दर्ज किया था।

टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि मामले में सुनवाई करते हुए 10000 रुपए का जमानती गिराफ्तारी वारंट (bailable warrant of arrest) जारी किया है। कोर्ट ने मामले की पिछली दो सुनवाई में नहीं पेश होने के लिए उनके खिलाफ वारंट जारी किया है। इस मामले की अगली सुनवाई 8 मई होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 नवंबर को नोटंबदी का ऐलान किया था। जिसके बाद लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। इसे लेकर केजरीवाल ने पीएम मोदी की शैक्षणिक योग्यता को लेकर सवाल उठाया था।

केजरीवाल ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए 15 दिसंबर को लिखा था- मोदीजी डिग्री का मामला आज गुजरात हाई कोर्ट में है। मोदीजी ने अपने सबसे अच्छे वकील तुषार मेहता को डिग्री के सार्वजनिक करने पर स्टे लेने के लिए भेजा? क्यों? डिग्री फर्जी? अपने अगले ट्वीट में लिखा- पूरा देश नोटबंदी घोटाले से जूझ रहा है। लोग प्रधानमंत्री के शैक्षणिक .योग्यता के बारे में जानना चाहते हैं। कि क्या वो अर्थव्यवस्था को समझते हैं? केजरीवाल ने आगे कपिल नाम के एक यूजर के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा- नहीं। मोदी जी 12th पास हैं। उसके बाद की डिग्री फर्जी हैं। कपिल नाम के शख्स ने लिखा था- मोदी 5वीं फेल है… डिग्री कहां से आएगी… फर्जी पीएम विथ फर्जी डिग्री। इस पर केजरीवाल ने जवाब दिया था।

केजरीवाल के खिलाफ आईपीसी धारा 499, 500 और 501 के तहत मामला दर्ज किया गया था। इन धाराओं में सजा “एक अवधि के लिए साधारण कारावास होती है, जो बढ़कर दो साल तक हो सकती है, या फिर जुर्माना या फिर सजा और जुर्माने दोनों का प्रावधान है।

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