Saturday, July 27, 2024
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क्या आपको पता है कि भारतीय सिने इतिहास की सबसे सफल फिल्मों में एक ‘शोले” के गीत “महबूबा ओ महबूबा” की धुन “चोरी” की है? गानों की धुन या फिल्म की स्टोरी चुरा लेना वॉलीवुड के लिए कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन इस गाने की धुन फिल्म के संगीतकर राहुल देव बर्मन ने नहीं चुराई थी! जी हां, पंचम दा के नाम से मशहूर आरडी बर्मन को गाने की धुन चुराने के लिए फिल्म के निर्देशक रमेश सिप्पी ने मजबूर किया था। शोले 15 अगस्त 1975 को भारत के स्वतंत्रता दिवस के दिन मुंबई में रिलीज हुई थी। शोले के रिलीज से एक साल पहले यानी 1974 में यूनानी गायक डेमिज रुसोज का गाना Say You Love Me (कहो ना प्यार है) जबरदस्त हिट हुआ था। शोले के निर्देशक रमेश सिप्पी और उनकी पहली पत्नी गीता सिप्पी ने लंदन में ये गाना सुना था। गीता चाहती थीं कि शोले में रूसोज के हिट गाने पर आधारित कोई गीत शोले में रहे। रमेश सिप्पी ने पंचम को गीता की चाहत बतायी। पंचम इसके लिए तैयार नहीं थे। दोनों में इस बात पर तकरार भी हुई। आखिरकार बर्मन को सिप्पी की मांग के आगे झुकना पड़ा। आपको शायद याद होगा कि फिल्म के प्रोड्यूसर रमेश सिप्पी के पिता जीपी सिप्पी थे। पंचम ने बीयर की खाली बोतलों की आवाज से इस गाने को भारतीय तड़का दिया लेकिन दूसरी मुश्किल ये आयी कि गीत किस गायक से गवाया जाए। पंचम और सिप्पी ने कई गायकों से ये गीत गवाकर देखा। दोनों को किसी भी गायक की आवाज में ये गीत पंसद नहीं आया। आखिरकार पंचम ने खुद गाकर देखा और सिप्पी को उनकी आवाज में गाना जम गया। “महबूबा ओ महबूबा” की केवल धुन ही रूसोज के गीत से नहीं मिलती बल्कि उसके बोल भी उनके गाने Say You Love Me से काफी हद तक मिलते हैं। यूं तो शोले के गीतकार आनंद बख्शी थे और “महबूबा ओ महबूबा” के गीतकार के तौर पर भी उन्हीं का नाम था लेकिन रूसोज के गाने को सुनकर हम कह सकते हैं कि उन्होंने एक तरह इसका भावानुवाद करके ही “महबूबा ओ महबूबा” के बोल तैयार किए थे। चूंकि मामला हिन्दी फिल्मों का है इसलिए कहानी में ट्विस्ट जरूरी है। भले ही “महबूबा ओ महबूबा” को सिप्पी-बर्मन-बख्शी ने रूसोज के हिट अंग्रेजी गीत से “प्रेरित” होकर बनाया हो खुद रूसोज का गीत भी उनके हमवतन यूनानी माइखलीस वायोलरिस के ग्रीक गीत Ta Rialia (पैसा) से “प्रेरित” था। माइखलीस का ग्रीक गाना रूसोज के गाने से एक साल पहले 1973 में आया था। दोनों गानों की धुन भले ही काफी मिलती है उनके गीतों के बोल काफी अलग हैं। जाहिर है माइखलीज के गाने में जहां लिखा था “पैसा”, रूसोज ने वहां लिख दिया “प्यार”, क्योंकि “हमारे युग का मुहावरा है फर्क नहीं पड़ता।” धुन और बोल के अलावा इस गाने के फिल्मांकन के पीछ भी एक फिल्मी कहानी है। निर्देशक रमेश सिप्पी चाहते थे कि इसे धर्मेंद्र और हेमामालिनी पर शूट किया जाए। आरडी बर्मन भले ही सिप्पी के आगे झुक गए हों लेकिन फिल्म के लेखक जावेद अख्तर और सलीम खान नहीं झुके। जावेद अख्तर को सिप्पी की बात मंजूर नहीं थी और इस बार सिप्पी को हथियार डालने पड़े और गाना फिल्म में हथियारों के सौदागरों की महफिल में फिल्माया गया।

SI News Today

सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर एक सीसीटीवी फुटेज वारल हो रहा है। इस फुटेज में एक 4-5 साल के बच्चे की बहादुरी को साफ देखा जा सकता है। फेसबुक पर इस सीसीटीवी फुटेज को यूजर्स अपने वॉल पर शेयर कर रहे हैं। इसे अब तक लगभग 1 लाख लोग देख भी चुके हैं। इस वीडियो पर लोग अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। दरअसल Unofficial: Subramaniam Swamy नाम के फेसबुक पेज से सोमवार सुबह 9 बजे के करीब 35 सेकेंड का एक सीसीटीवी फुटेज शेयर किया गया। फुटेज में जो समय दिख रहा है उस हिसाब से ये पूरा नजारा 27 मई की रात 12 बजकर 40 मिनट का है। वीडियो में नजर आ रहा है कि 4-5 साल के दो छोटे बच्चे किसी कॉलोन के अंदर कहीं जा रहे हैं। इन दोनों बच्चों ने जिस तरह के कपड़ पहने हैं उसे देख कर लगता है कि एक लड़का है और एक लड़की। ये दोनों बच्चे जैसे ही थोड़ी दूर पैदल चलते हैं इन्हें कुछ आवारा कुत्ते घेर लेते हैं।

कुत्तों को देख बच्ची दूर भाग जाती है। कुत्ते वहीं खड़े लड़के को घेर लेते हैं और भौंकना शुरू कर देते हैं। तभी आस पास से और कुत्ते भी इकट्ठा हो जाते हैं और बच्चे को चारों ओर से घेर लेते हैं। खुद को आवारा कुत्तों के बीच अकेला देखकर भी बच्चा डरा नहीं। वो वहीं डटा रहा। बच्चा अपनी जगह पर रुककर ही उसपर भौंक रहे कुत्तों को डांटने लगता लगता है। थोड़ी देर मेंकुत्ते पीछे हटने लगते हैं। बच्चा थोड़ा सा आगे बढ़ता है फिर से वहां कुछ कुत्ते आ जाते हैं। बच्चा उन कुत्तों से भी बिना डरे निजात पा लेता है।

सोशल मीडिया पर इस वीडियो को देख लोग इस बच्चे की बहादुरी की दाद देते नहीं थक रहे हैं। वहीं कुछ यूजर्स कमेंट में लिख रहे हैं कि जो बच्ची भाग गई वो मोदी थी और जो बच्चा खड़ा रहा वो मनमोहन सिंह हैं। कुछ यूजर्स तो इन सबसे अलग हटकर लिख रेह हैं कि बच्चे को इस तरह उन कुत्तों के बीच नहीं रुकना चाहिए था।

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