गुजरात सरकार ने गुजरात पशु संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2017 के लिए नियम शनिवार जारी किए जिसमें गाय या उसके बछड़े के वध पर उम्रकैद तक की सजा और पांच लाख रुपए तक के जुर्माना का प्रावधान है। नियम यह भी कहता है गाय, बछड़े (गोवंश) या बीफ के अवैध परिवहन में दोषी पाए जाने वालों को सात से 10 साल की कैद की सजा और एक लाख रुपए से लेकर पांच लाख रुपए तक के जुर्माने का सामना करना पड़ेगा। राज्य विधानसभा ने अधिनियम को संशोधित करने के लिए 31 मार्च को एक विधेयक पारित किया था और राज्यपाल ओपी कोहली ने 13 अप्रैल को इसे मंजूरी दी थी। कानून में संशोधन से पहले गोहत्या करने वालों और इसके बछड़ों का वध करने वालों के लिए तीन से सात साल तक की कैद और 50,000 रुपए जुर्माने का प्रावधान था। वहीं, अब नए नियम न्यूनतम 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान करते हैं। नए नियमों के मुताबिक गाय (बैल या सांड) या इसके बछड़ों के अवैध परिवहन, बिक्री, एकत्र करने या बीफ के परिवहन का दोषी पाए जाने पर सात से 10 साल तक की कैद और एक लाख रुपए से लेकर पांच लाख रुपए तक का जुर्माना भी हो सकता है। इन सभी अपराधों को गैर जमानती बनाया गया है।
नियमों में यह भी बाकी कहा गया है कि गोवध में इस्तेमाल किए जाने वाले वाहन या किसी अन्य चीज को सरकार स्थायी रूप से जब्त कर लेगी। वहीं, गाय या गोवंश के परिवहन का परमिट रखने वाले लोगों के लिए इन पशुओं का परिवहन शाम सात बजे से सुबह पांच बजे तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। गौरतलब है कि 2011 में जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब राज्य सरकार ने इस अधिनियम में संशोधन कर गोहत्या, परिवहन और बीफ की बिक्री पर पूर्ण पाबंदी लगा दी थी।