अन्नाद्रमुक के दोनों खेमों के पार्टी के चुनाव चिह्न ‘2 पत्तियों’ पर दावा करने के बाद चुनाव आयोग ने इस पर रोक लगाते हुए दोनों गुटों को अलग-अलग चुनाव चिह्न जारी कर दिए है। शशिकला गुट की नई पार्टी का नाम है AIADMK-अम्मा और इसका चुनाव चिह्न है टोपी है जबकि ओ पन्नीरसेल्वम की पार्टी का नाम है- AIADMK पुराची थलावी अम्मा और इसका चुनाव चिह्न है बिजली का खंभा।
दरअसल- शशिकला और पन्नीरसेल्वम के बीच AIADMK के सिंबल को लेकर विवाद के बाद बुधवार को चुनाव आयोग ने पार्टी के चुनाव चिह्न ‘दो पत्तियां’ को ज़ब्त कर लिया। अब दोनों खेमे आरके नगर सीट पर होने वाले उपचुनाव में अपने अपने नए सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे। चुनाव आयोग के जारी आदेश के अनुसार शशिकला गुट को जहां ‘हैट’ चुनाव चिह्न जारी किया गया है, वहीं पनीरसेलवम गुट को ‘बिजली का खंभा’ चुनाव चिह्न जारी किया गया है।
इससे पहले चुनाव आयोग ने बुधवार रात एक अंतरिम आदेश में अन्नाद्रमुक के चुनाव चिह्न ‘2 पत्तियों’ के उपयोग पर ये कहते हुए रोक लगा दी थी कि दोनों विरोधी खेमे प्रतिष्ठित आरके नगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए पार्टी के चुनाव चिह्न तथा इसके नाम के उपयोग नहीं कर सकते हैं। दिन भर की सुनवाई के बाद आयोग ने कहा कि अंतिम आदेश जारी करने के लिहाज से बहुत कम समय बचा है इसलिए वे अंतरिम आदेश जारी कर रहा है।
-इस सीट पर 12 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने का गुरुवार को आखिरी दिन है।
-आयोग ने कहा कि दोनों पक्ष अपनी इच्छा के मुताबिक जिस नाम को चुनेंगे, वह उसी नाम से जाने जाएंगे। साथ ही दोनों समूहों को अलग-अलग चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे।
-चुनाव आयोग के फैसले पर तमिलनाडु के पूर्व सीएम ओ. पनीरसेल्वम ने एक बयान में कहा कि चुनाव आयोग के समक्ष मजबूत सबूत प्रस्तुत करने के बावजूद उनकी पार्टी को चुनाव चिह्न नहीं मिलना ‘आश्चर्यजनक और निराशाजनक’ है।
-जेल की सजा काट रही अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला के भतीजे दीनाकरण ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता पहले भी इस तरह की स्थिति का सामना कर चुके हैं जब चुनाव आयोग ने अन्नाद्रमुक संस्थापक एमजी रामचंद्रन की मौत के बाद साल 1987 में पार्टी के चुनाव चिह्न के उपयोग पर रोक लगा दी थी।