पांच राज्यों में हाल ही में सपन्न हुए चुनावों के बाद भाजपा को बड़ी कामयाबी हाथ में लगी थी। चुनावों में विशेषकर यूपी और उत्तराखंड में मिली ऐतिहासिक जीत के बाद नरेंद्र मोदी सरकार बजट सत्र की समाप्ति के बाद कैबिनेट में बदलवा कर सकती है।इस बदलाव में जहां कई प्रमुख मंत्रियों के मंत्रालयों में बदलाव होना तय है, वहीं कुछ को राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा।
प्रभु को मिलेगी यह अहम जिम्मेदारी
सूत्रों के मुताबिक, मोदी सरकार 12 अप्रैल को बजट सत्र की समाप्ति के बाद वाले हफ्ते में अपनी कैबिनेट में फेरबदल करेगी। इस फेरबदल में सबसे बड़ा नाम रेल मंत्री सुरेश प्रभु और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का है।
जहां प्रभु को रेल मंत्रालय से रक्षा मंत्रालय भेजने की तैयारी चल रही है, वही राजे को दिल्ली बुलाकर सुषमा स्वराज की जगह विदेश मंत्री बनाने की चर्चा है।
गौरतलब है कि मनोहर परिकर के गोवा के मुख्यमंत्री बनने के बाद से वित्त मंत्री अरुण जेटली पर इस वक्त रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार है। जेटली को इस जिम्मेदारी से मुक्त करके पीएम मोदी केवल उन्हे वित्त मंत्रालय पर ही फोकस रखने के लिए कह सकते हैं। प्रभु के स्थान पर मनोज सिन्हा को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देकर के रेल मंत्री बना दिया जाएगा। एशियन एज अखबार के मुताबिक, राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे को जयपुर से दिल्ली बुलाया जा सकता है और उनको सुषमा स्वराज की जगह देश का नया विदेश मंत्री बनाया जा सकता है। सुषमा का स्वास्थ्य फिलहाल सही नहीं है और वो ज्यादा यात्रा नहीं कर सकती हैं। राजे की जगह ओम माथुर को जयपुर भेजा जा सकता है।
जेपी नड्डा, कलराज मिश्र की हो सकती है कैबिनेट से छुट्टी
अखबार के मुताबिक, कैबिनेट से स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और लघु व सूक्ष्म उद्योग मंत्रालय देख रहे कलराज मिश्र की भी कैबिनेट से छुट्टी हो सकती है। अक्तूबर में हिमाचल प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं।
अगर बीजेपी वहीं पर सरकार बनाती है तो नड्डा का हिमाचल का मुख्यमंत्री बनना तय है। वही कलराज मिश्र को सरकार से छुट्टी देकर के किसी राज्य का राज्यपाल बनाकर के भेजा सकता है, क्योंकि उनकी उम्र काफी हो गई है।