केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 13वीं बैठक शुक्रवार को होने जा रही है। इसमें जीएसटी से जुड़े नियमों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
इसी दौरान परिषद की पिछली बैठक में लिए गए फैसलों को अनुमोदित भी किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सरकार ने जीएसटी से जुड़े चार विधेयकों को संसद के चालू सत्र में पारित करा लिया है और जीएसटी को आगामी एक जुलाई से लागू करने का संकल्प व्यक्त किया है।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जीएसटी परिषद की शुक्रवार को होने वाली बैठक में सीजीएसटी, एसजीएसटी और आईजीएसटी से जुड़े नियमों पर सहमति व्यक्त की जाएगी। परिषद से अनुमति मिलने के बाद ही अधिकारी इसके लिए नियम बनाएंगे। इसी दौरान बीते 16 मार्च को हुई परिषद की बैठक में लिए गए फैसलों का भी अनुमोदन होगा।
पूरे देश को एक बाजार में बदलने के लिए जीएसटी प्रणाली को आगामी एक जुलाई से लागू करने की योजना है। इसके लागू होने के बाद केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर, चुंगी, सेंट्रल सेल्स टैक्स (सीएसटी), राज्य स्तर के वाणिज्यिक कर या वैट, एंट्री टैक्स, लॉटरी टैक्स, एंटरटेनमेंट टैक्स, टर्नओवर टैक्स, माल ढुलाई पर लगने वाले टैक्स आदि इसमें समाहित हो जाएंगे।
जीएसटी में केवल बिक्री के समय लगेगा कर
जीएसटी मौजूदा कर ढांचे की तरह कई जगहों पर न लग कर सिर्फ अंतिम जगह पर लगेगा। मौजूदा व्यवस्था के मुताबिक, किसी सामान पर फैक्ट्री से निकलते समय टैक्स लगता है और फिर खुदरा बाजार में जब वह बिकता है, तो वहां भी उस पर टैक्स जोड़ा जाता है। जानकारों का मानना है कि कराधान की इस नई प्रणाली से जहां भ्रष्टाचार में कमी आएगी, वहीं लालफीताशाही भी कम होगी और पारदर्शिता बढ़ेगी। इससे सरकार को भी फायदा होगा।
अरबों रुपये बढ़ जाएगी देश की सालाना आय
एक अनुमान के मुताबिक, जीएसटी लागू होने के बाद निर्यात, रोजगार के अवसरों और आर्थिक विकास में जो वृद्धि होगी, उससे देश की सालाना आमदनी में अरबों रुपये की बढ़ोतरी होगी। इससे आम नागरिकों को फायदा होगा क्योंकि इस प्रणाली में केंद्र और राज्य, दोनों के टैक्स सिर्फ बिक्री के समय वसूले जाएंगे। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी बीते दिनों कहा है कि इसके लागू होने से अधिकतर चीजें सस्ती हो जाएंगी, जिससे आम नागरिकों को फायदा होगा।