‘‘द आर्ट ऑफ लिंविग’’ के संस्थापक अध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर का कहना है कि वह सरकार और नक्सली संगठनों के बीच वार्ता की मध्यस्थता करने के लिए तैयार हैं.
मध्यप्रदेश विधानसभा में आज संवाददाताओं के प्रश्नों का उत्तर देते हुए रविशंकर ने कहा, ‘‘उनकी (नक्सलियों) समस्या समझने के लिए उनसे वार्ता करना आवश्यक है. कुछ लोग इस बारे में कुछ नहीं जानते हैं. यदि अवसर मिलता है तो मैं सरकार और नक्सली संगठनों के बीच वार्ता के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाने को तैयार हूं.’’ अध्यात्मिक गुरु यहां विधानसभा में प्रदेश के विधायकों और मंत्रियों को व्याख्यान देने के लिए पधारे थे.
उन्होंने कहा कि सरकार नक्सलियों की समस्याओं और उनके उद्देश्यों को केवल बातचीत के जरिए ही जान सकती है. उन्होंने कहा, ‘‘वे (नक्सली) बिना वजह जंगलों में नहीं भटक रहे हैं. उनके मन में भी कुछ पीड़ा है. वह किस उद्देश्य को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. हम केवल उनसे बातचीत करके ही उनके सपनों या उद्देश्यों के बारे में समझ पाएंगे.’’ हालांकि रविशंकर ने नक्सलियों से अपील की कि वह हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हों.