Friday, April 19, 2024
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नया कानून: नशे में होने वाले सड़क हादसे में इंश्याेरेंस कंपनियां नहीं, दोषी देगा मुआवजा

SI News Today

शराब के नशे में होने वाले सड़क हादसों में इंश्योरेंस कंपनियां पीड़ितों को अब कोई मुआवजा नहीं देंगी। उनकी जगह नशे में हादसे को अंजाम देने वाला शख्स पीड़ित को होने वाले जानमाल के नुकसान की भरपाई करेगा। लोकसभा में शुक्रवार को पेश संशोधित मोटर वीइकल ऐक्ट में ऐसे प्रावधान हैं।

एक्सपर्ट्स को आशंका है कि नए प्रावधान की वजह से हादसे की स्थिति में पीड़ितों को बेहद कम मुआवजा मिलेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि मुआवजा आरोपी ड्राइवर की आय और आर्थिक स्थिति पर निर्भर करेगा। ट्रांसपोर्ट से जुड़े मामलों के थिंक टैंक आईएफटीआरटी के एसपी सिंह ने कहा, ‘सरकार ऐसा प्रावधान क्यों ला रही है, जब उसे पेशेवर ड्राइवरों की आय के बारे में पता है। इससे इंश्योरेंस कंपनियों को अप्रत्यक्ष तौर पर फायदा होगा। नशे की हालत में एक ड्राइवर का भी सड़क पर होना सरकार और प्रशासन की नाकामी है।’

बिल को शुक्रवार को संसद में पेश करते हुए सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि प्रस्तावित संशोधित कानून को लागू करने का मकसद सड़क हादसों की तादाद को आधा करना है। बिल में नाबालिगों ड्राइवरों के वाहन चलाने, तेज रफ्तार और रैश ड्राइविंग करने वालों पर तगड़ी पेनल्टी लगाने, जेल भेजने और ड्राइविंग लाइसेंस कैंसल करने जैसे प्रावधान हैं। इसके अलावा, कानून-व्यवस्था कायम कराने की जिम्मेदारी निभाने वाले लोगों पर किसी अपराध की स्थिति में डबल पेनल्टी लगाने का प्रावधान है। प्रस्तावित कानून में ऑनलाइन टैक्सी सर्विसेज को रेग्युलेट करने के नियम भी शामिल हैं।

हालांकि, नए नियमों में रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने उस प्रावधान को शामिल नहीं किया है, जिसके तहत दुर्घटना में किसी की जान लेने पर शराबी ड्राइवरों पर ‘गैर इरादतन हत्या’ की धाराओं में केस चलाया जाता। यह एक गैर जमानती अपराध है, जिसमें 10 साल की सजा का प्रावधान है। हालांकि, मंत्रालय ने संसदीय कमिटी की सिफारिश को स्वीकार किया था। कमिटी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को यह सुझाव दिया था। इसके लिए, आईपीसी में संशोधन करना पड़ता।

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