प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोशल मीडिया पर मौजूद रहने पर सरकारी खजाने से कोई खर्च नहीं हुआ। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने यह बात कही। आप नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सूचना के अधिकार कानून के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री के आधिकारिक मोबाइल एप्प पीएमओ इंडिया को एक प्रतियोगिता के दौरान छात्रों ने विकसित किया था। इसलिए एप्प को विकसित करने में पुरस्कार राशि के अलावा कोई खर्च नहीं आया। कार्यालय ने अपने जवाब में कहा है, इस एप्प को प्रधानमंत्री कायार्लय द्वारा मेंटेन किया जाता है।
उसने कहा है, प्रधानमंत्री कायार्लय की वेबसाइट www.pmindia.gov.in है और पीएमओ ने इसे विकसित किया है और इसे मेंटेन करने की जिम्मेदारी भी उसी के पास है। कार्यालय ने कहा है कि प्रधानमंत्री कायार्लय की सोशल मीडिया पर मौजूदगी का प्रबंधन पीएमओ द्वारा ही किया जाता है और इस प्रकार इसको मेंटेन करने पर अलग से कोई खर्च नहीं आता है। आरटीआई आवेदन के जवाब में पीएमओ ने कहा है, किसी भी सोशल मीडिया पर पीएमओ की तरफ से कोई भी अभियान नहीं चलाया गया। सिसोदिया ने एक आवेदन के जरिये मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से हरेक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खर्च से जुड़ी वर्ष वार जानकारी की मांग की थी।