भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी नेताओं को संयम का पाठ पढ़ाया। पीएम मोदी ने रविवार (17 अप्रैल) को अपने साथियों को बताया कि उन्हें कम और कहां बोलना चाहिए। बीते दिनों में कई बीजेपी नेताओं के विवादित बयानों ने पार्टी और सरकार को असहज किया है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में एक भाजपा पदाधिकारी के हवाले से लिखा गया है कि पीएम ने कहा, ”जब भी मैं टीवी खोलता हूं, मैं भाजपा नेता को कोई न कोई बयान देने देखता हूं। आप लोगों को चुप रहने के पाठ पढ़ने की जरूरत है।” मोदी ने एक पार्टी प्रवक्ता की तरफ इशारा किया और कहा कि वह बीजेपी नेताओं को यह बताएं कि उन्हें कैसे मुंह बंद रखना है। मोदी ने कहा, ”हर बार जब कोई आपके आगे टीवी माइक करे तो बोलना जरूरी नहीं हैं।” प्रधानमंत्री कई बार बीजेपी के बयानवीरों को बोलने से चेताते हैं, मोदी ने बयान देने का जिम्मेदारी पार्टी प्रवक्ताओं तक ही सीमित रखने को कहा है।
बैठक के दूसरे दिन पिछड़ा आयोग पर चर्चा के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हस्तक्षेप किया था। पीएम ने कहा कि मुस्लिम समुदाय में भी जो पिछड़े हैं, उन्हें मुख्यधारा में शामिल करना जरूरी है। दूसरे दिन इस बात पर चर्चा हुई थी कि पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा देने वाले नए बिल पर क्या रणनीति बनाई जाए। विधेयक लोक सभा से तो पास हो चुका है मगर राज्य सभा में मामला फंसा हुआ है जहां विपक्ष के पास संख्या-बल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार (15 अप्रैल) को भुवनेश्वर पहुंचे थे। ओडिशा में रोड शो करने के बाद उन्होंने कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लिया। अपने संबोधन में उन्होंने तीन तलाक के मुद्दे का भी जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि ‘मुस्लिम महिलाओं का शोषण खत्म होना चाहिए और उनके साथ न्याय होना चाहिए।’ बैठक में भाजपा सदस्यों की ओर से 2019 का चुनाव नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ने का फैसला लिया गया। भाजपा ने जनता का आह्वान करते हुए कहा कि वह देश में विकास एवं गरीब कल्याण कार्यक्रमों की निरंतरता के लिए 2019 के चुनावों में भी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने का संकल्प ले।