बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग घोटाले में आरोपी आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार की जमानत याचिका मंगलवार को विशेष निगरानी कोर्ट ने खारिज कर दी. सुधीर कुमार को 26 फरवरी को कर्मचारी चयन आयोग प्रश्न पत्र लीक घोटाले में कथित रूप से शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद से वो बेउर जेल में बंद हैं.
गौरतलब है कि फरवरी में सरकारी नौकरी के लिए बिहार कर्मचारी चयन आयोग की तरफ से चार चरण में परीक्षा होनी थी और पहले ही दो चरण के परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर लीक हो गए थे. जिसके बाद इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ था. सुधीर कुमार, जो कि बिहार राज्य कर्मचारी आयोग के चेयरमैन थे, उनकी गिरफ्तारी के बाद उन्हें चेयरमैन के पद से निलंबित कर दिया गया.
अब तक इस पूरे मामले में तीन दर्जन से भी ज्यादा लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. कर्मचारी चयन आयोग के सचिव परमेश्वर राम, जिन्हें सबसे पहले इस पूरे मामले में गिरफ्तार किया गया था. उनके मोबाइल को खंगालने के बाद इस बात का भी खुलासा हुआ कि इस पूरे घोटाले में बिहार सरकार के दो वरिष्ठ मंत्री आलोक मेहता और कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा शामिल हैं. इस घोटाले में सत्तापक्ष के कई विधायकों के भी शामिल होने की बात सामने आई है.
निगरानी कोर्ट में सुधीर कुमार के वकील ने दलील दी कि उनके खिलाफ जांच दल के पास कोई पर्याप्त साक्ष्य मौजूद नहीं है और उनके फरार होने की भी कोई संभावना नहीं है. इसी आधार पर सुधीर कुमार को जमानत दे दी जानी चाहिए. हालांकि, सरकारी वकील की दलील थी कि सुधीर कुमार को अगर जमानत दी जाती है तो वो जेल से बाहर आने के बाद इस पूरी जांच को प्रभावित कर सकते हैं. दोनों पक्षों की दलील के सुनने के बाद निगरानी कोर्ट ने सुधीर कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी.