भारत सरकार विजय माल्या को भारत लाने के लिए प्रयास कर रहीं हैं. मई के पहले सप्ताह में होने वाली भारत और ब्रिटेन के गृह सचिव स्तर की बातचीत में भारत माल्या समेत 9 लोगों के खिलाफ प्रत्यर्पण करने का मुद्दा उठाएगी. ब्रिटेन के गृह सचिव जब भारत आएंगे तब माल्या को भारत लाने और प्रत्यर्पण की सारी प्रक्रिया का मुद्दा उठेगा. इसके अलावा भारत के खिलाफ ब्रिटेन में रहकर जो खालिस्तानी आतंकी की गतिविधियों में लोग लिप्त हैं. उस मुद्दे को भी भारत ब्रिटेन के गृह सचिव के सामने रखेंगा.
आपको बता दें कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत में आतंक फैलाने के लिए ब्रिटेन में रह रहे खालिस्तान समर्थक उग्रवादी को हमेशा उकसाने की कोशिश करता रहता. बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े ये उग्रवादी ब्रिटेन में रहकर सिख नौजवानों को भड़काते रहे हैं. आईएसआई इन उग्रवादियों को पैसे की मदद करती है. भारत अब इन खालिस्तानी आतंकियों को बेनकाब करने को लेकर पूरी पुख्ता लिस्ट ब्रिटेन के गृह सचिव को देगा.
वहीं एक तरफ माल्या के मामले में भारत सरकार ने करवाई के लिए कदम बढ़ा दिया है. माल्या को भारत लाने के लिए सरकार फाइनेंसियल धोखाधड़ी और जनता के पैसे लूटे जाने का मामला बताकर प्रत्यर्पण का आधार तैयार कर लिया है. जिससे माल्या अपने बचाव में ये नहीं कह पायेगा की उसे फसांया जा रहा है. ब्रिटेन के कानून के मुताबिक आर्थिक अपराध संगीन माना जाता है. हालांकि सरकार ये मानकर चल रही है कि माल्या के प्रत्यर्पण कराने में लंबा वक्त लग सकता है. भारत सरकार की कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए ब्रिटेन की एक लॉ फर्म को भारत के सीबीआई और ईडी के अधिकारियों के साथ-साथ भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल भी ब्रीफ करेंगे.