उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को अपनी पहली कैबिनेट बैठक में किसानों की कर्ज माफी का बड़ा फैसला ले सकते हैं. हालांकि कैबिनेट की इस बैठक से पहले सूबे के पशुधन, लघु सिंचाई एवं मत्स्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा कि हमने सिर्फ छोटे और लघु किसानों के ऋण माफ करने के वादे किए थे, जिसको पूरा किया जाएगा. हालांकि फसली ऋण के अलावा कुछ और माफ नहीं होगा. कैबिनेट मंत्री बघेल ने यह भी साफ किया कि जिन किसानों ने भैंस, ट्रैक्टर और इंजन के लिए कर्ज लिए हैं, उनका कर्ज माफ नहीं किया जाएगा.
इससे पहले सूबे के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि पहली कैबिनेट बैठक में किसानों का कर्ज माफी का मुद्दा काफी अहम है. इसमें करीब 30 हजार करोड़ से लेकर 45 हजार करोड़ रुपये तक का कर्ज माफ किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से प्रदेश के किसानों के अच्छे दिन आएंगे, लेकिन इसका लाभ बैंकिंग सिस्टम से जुड़े किसानों को ही मिलेगा. गेंहू खरीदारी पर सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि सरकार व्यापक पैमाने पर गेंहू की खरीदारी करेगी. गेंहू खरीद को 40 लाख से बढ़ाकर 80 लाख मैट्रिक टन कर दिया गया है. यह गेंहू खरीद सरकारी एजेंसी खरीदेगी.
सिर्फ डेढ़ करोड़ किसानों का कर्ज होगा माफ
बीजेपी ने चुनाव के लिए जारी अपने संकल्प पत्र में जो सबसे प्रमुख वादा किया था, वह किसानों की कर्जमाफी का ही था. अब सरकार इसका ऐलान करने जा रही है, लेकिन इससे सरकार के खजाने पर भारी बोझ आएगा. केंद्र सरकार ने यह भी स्पष्ट किया था कि यह व्यवस्था राज्य को अपने स्तर पर ही करनी होगी. यूपी में 2 करोड़ 33 लाख सीमांत और लघु किसान हैं और लगभग दो करोड़ छोटे किसान हैं. सूबे के करीब डेढ़ करोड़ किसानों के कर्ज माफी का ऐलान हो सकता है.
कुल 62 हजार करोड़ का है कर्ज
उत्तर प्रदेश में करीब डेढ़ करोड़ किसानों पर लगभग 62,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. सरकार इनकी लिस्ट तैयार कर रही है. जिसके बाद इस लिस्ट को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा, जिससे केंद्र से कर्ज लिया जाएगा. हालांकि सूर्यप्रताप शाही ने बातचीत में सिर्फ 30 हजार करोड़ से लेकर 45 हजार करोड़ की ही बात कही है.