असम के तिनसुकिया में पुलिस के सामने एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां एक महिला ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। लेकिन अब इस महिला का अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है। तुलसी देवी (23) नाम की इस महिला ने शनिवार को घरेलू लड़ाई के बाद फांसी लगाकर जान दे दी। ये हिन्दू महिला 4 महीने पहले अपने घर से भाग गई थी और बिट्टू अली (27) नाम के एक मुस्लिम युवक के साथ रहने लगी थी, ये दोनों असम के तिनसुकिया में रहते थे लेकिन इनके बीच अक्सर लड़ाई होती रहती थी। ऐसी ही एक लड़ाई के बाद तुलसी देवी ने अपनी जान दे दी। लेकिन अब उसका अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है। मुसलमान तुलसी देवी को मुस्लिम मानने को तैयार नहीं हैं, जबकि हिन्दुओं का कहना है कि उसने अपने धर्म से बाहर शादी की है इसलिए वे हिन्दू रीति-रिवाजों के मुताबिक उसका अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
पुलिस का कहना है कि वे दोनों तिनसुकिया में एक साथ रहते थे लेकिन इनके पास से ऐसा कोई दस्तावेज नहीं मिला है जिससे ये पता चल सके कि इन्होंने शादी की थी अथवा इनमें से किसी ने भी अपना धर्म बदलकर दूसरे का मजहब स्वीकार किया था। अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार की रात को जब बिट्टू को तुलसी देवी की मौत की खबर मिली तो वह उसे सुपुर्द ए खाक करने के लिए मरघेरिटा से तिनसुकिया ले गया, लेकिन यहां दो कब्रिस्तान से उसे लौटा दिया गया। मरघेरिटा थाने के पुलिस इंचार्ज के मुताबिक कब्रिस्तान के मैनेजमेंट ने उससे शादी का प्रूफ मांगा, लेकिन सबूत नहीं होने की वजह से तुलसी देवी का अंतिम संस्कार नहीं हो सका। इसके बाद तुलसी देवी की डेडबॉडी को उसके गांव डिग्बोई ले जाया गया, ताकि यहां पर हिन्दू रीति रिवाज के मुताबिक उसका अंतिम संस्कार किया जा सके। लेकिन स्थानीय लोगों ने हिन्दू रीति रिवाजों के मुताबिक उसका अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया।
इसके बाद पुलिस ने डेड बॉडी को घटनास्थल पर भेज दिया है। और बॉडी को स्थानीय थाने में रखा गया है, पुलिस का कहना है कि ये बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और लड़की के परिवार वालों से संपर्क किया गया है। जब तक अंतिम संस्कार नहीं हो जाता लाश को शवगृह में रखा जाएगा।