Saturday, February 15, 2025
featuredदेश

मेक इन इंडिया को बढ़ावे के लिए जेटली ने DRDO को दिया 18,000 करोड़ का मिसाइल ठेका

SI News Today

रक्षा क्षेत्र में आयात को कम करते हुए मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के मकसद से रक्षा मंत्रालय ने विदेशी कंपनियों के आगे डीआरडीओ को तरजीह देते हुए सेना के लिए मिसाइल बनाने के लिए उसे करीब 18,000 करोड़ रुपये का ठेका दिया.

सरकार से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि पिछले हफ्ते रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की हुई बैठक में रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने यह फैसला लिया. डीएसी की इस बैठक में जमीन से हवा में मार करने वाली छोटी रेंज की मिसाइल का मुद्दा उठा, जहां सरकार को फैसला करना था कि वह विदेशी मिसाइल सिस्टम खरीदे या फिर जमीन से हवा में मार करने वाले आकाश मिसाइल को तरजीह दे. सूत्रों के मुताबिक, जेटली ने यहां देसी विकल्प को चुना.

सेना के शीर्ष सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इन मिसाइलों को पाकिस्तान और चीन पर तैनात किया जाएगा, जिससे किसी संघर्ष की स्थिति में उनके लड़ाकू विमान और यूएवी (ड्रोन) से रक्षा की जा सके. हाल के दिनों में भारतीय वायुसेना ने इन मिसाइलों को चुना था और इसने अपना लोहा भी बखूबी दिखाया है.

देसी विमानों और हथियारों को विकसित करने में डीआरडीओ भले ही पिछड़ा हुआ दिखता दिखता, लेकिन मिसाइलों के मामले में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में यह काफी मददगार साबित हुई है. ऐसा पता चला है कि मिसाइलों के इस कॉन्ट्रैक्ट के लिए इस्राइल, स्वीडन और रूस भी 2011 से ही रेस में थे, लेकिन यह बाजी डीआरडीओ के ही हाथ लगी.

SI News Today

Leave a Reply