हर साल भयंकर गर्मी में बिजली कटौती झेलने वाले उत्तर प्रदेश के लोगों को इस बार राहत मिल सकती है। खबर है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य की समस्याएं सुलझाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। पीएम ने प्रमुख सचिव नृपेंद्र मिश्र और कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा को यूपी के बिजली उत्पादन और सप्लाई दुरुस्त कराने का निर्देश दिया है। रेडिफ डॉट कॉम के अनुसार, दोनों वरिष्ठ अधिकारी उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और ऊर्जा विभाग के संपर्क में रहेंगे और बिजली व्यवस्था पर नजर बनाए रखेंगे। यूपी को इन गर्मियों में निर्बाध आपूर्ति मिल सके, इसके लिए कम से कम चार पड़ोसी राज्यों से बिजली लेने की भी योजना है। बता दें कि चुनावी रैलियों में जनसंपर्क के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चौबीस घंटे बिजली सप्लाई का वादा किया था। पार्टी का मानना है कि बिजली उत्पादन और आपूर्ति ही वह आधार है, जिसपर यूपी को खुश रखा जा सकता है।
बिजली की कमी के मामले में यूपी देश के सबसे खस्ताहाल राज्यों में है। यूपी में ग्रामीण इलाकों के 51.8 प्रतिशत परिवारों तक बिजली नहीं पहुंची है। ये हालत तब है जब यूपी में कोयले से चलने वाला देश का तीसरा सबसे बड़ा बिजली संयंत्र है। यूपी में बिजली की दुर्दशा के लिए भ्रष्टाचार और लालफीताशाही को जिम्मेदार समझा जाता रहा है। चुनाव में एकतरफा जीत के बाद पीएम ने अपने उच्चाधिकारियों को कहा है कि वे इस संबंध में जरूरी उपकरण व सामान उपलब्ध कराएं। उत्तर प्रदेश में भाजपा ने अकेले 312 सीटें जीती हैं। सहयोगी दलों को जोड़ लेने पर यह आंकड़ा 325 हो जाता है।
हालांकि पार्टी अभी तक देश के सबसे बड़े सूबे के मुखिया का नाम तय नहीं कर पाई है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय संगठन सचिव राम लाल, केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा, यूपी भाजपा के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य, भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा, लखनऊ के मेयर दिनेश शर्मा इत्यादि के नामों पर चुनाव परिणाम आने के बाद से ही चर्चा हो रही है। गुरुवार (16 मार्च) को भाजपा संसदीय दल की बैठक में भी कोई नतीजा नहीं निकल सका।