पंजाब में अपनी तरह की पहली परियोजना की शुरुआत करते हुये जिला प्रशासन ‘साड्डी रसोई’ (हमारी रसोई) परियोजना के तहत जरूरतमंद लोगों को मात्र 10 रुपए में पौष्टिक भोजन मुहैया कराएगा। योजना के तहत गरीब लोगों को सुबह 10 बजे से दोपहर तीन बजे तक चार चपाती, चावल, दाल और सब्जी परोसी जाएगी। फाजिल्का उपायुक्त ईशा कालिया ने कहा, ‘‘हमने आज साड्डी रसोई परियोजना की शुरच्च्आत की जिसके तहत गरीब और जरूरतमंद लोगों को दस रुपए में पौष्टिक भोजन दिया जाएगा। इस जिले में शुरू होने वाली यह पंजाब की पहली परियोजना है।’’ उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन और सिविल अस्पतालों के नजदीक भोजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है जहां रिक्शा चालक, मजदूर और दूरदराज के इलाकों से आने वाले लोग सस्ती दर पर भोजन कर सकें। उन्होंने कहा, ‘‘हम केवल उन्हीं लोगों की खाने की व्यवस्था करेंगे जो जरच्च्रतमंद हैं।’’
जिला प्रशासन ने साड्डी रसोई परियोजना के तहत भोजन पकाने का काम स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्यों को सौंपा है। कालिया ने कहा, ‘‘कई संस्थाओं और एनजीओ को गेहूं का आटा, चावल आदि उपलब्ध कराने का काम दिया है। हम एक महीने के लिए राशन का भंडार करेंगे ताकि सामग्री कम ना पड़े। साफ सफाई का ध्यान रखते हुये भोजन पकाया जाएगा।’’
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान लोगों को 5 रुपये में भरपेट खाना मुहैया कराने का वादा किया था, लेकिन जब मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और उनकी टीम ने हिसाब लगाया तो उन्हें पता चला कि 5 रुपये में ये खाना लोगों को दे पाना संभव नहीं है। इस रेट पर खाना मुहैया कराने के लिए सरकार को अपने खजाने से पैसा लगाना पड़ेगा। लेकिन फिलहाल पंजाब सरकार की वित्तीय हालत ऐसी नहीं है कि खाने पर राज्य का खजाना खर्च किया जा सके।
पंजाब के सीएम ने कहा था, ”हम अपने चुनावी वादे को हर हाल में पूरा करेंगे, हम इस तरह के कई योजनाओं की स्टडी कर रहे हैं, इसकी लागत 12 से 13 रुपये पड़ रही है, हम कोशिश करेंगे कि पहली ही बजट में इसे शुरु कर दिया जाए।” चंडीगढ़ में लगभग इसी तरह का खाना 10 रुपये में उपलब्ध है, लेकिन सरकार के अधिकारियों ने पंजाब के लिए जब इसकी पूरी लागत जोड़ी, जिसमें कैंटीन में काम करने वाले लोगों का वेतन, अनाज और दूसरी चीजों की लागत शामिल है तो ये रकम 13 रुपये तक पहुंच गई थी।