राजस्थान सरकार कल (4 अक्टूबर) को सरकारी कर्मचारियों को खुशखबरी दे सकती है। कल सुबह 11 बजे कैबिनेट की बैठक होनी है। खबर के मुताबिक इस कैबिनेट मीटिंग में सातवें वेतन आयोग पर मुहर लगना तय है। कैबिनेट सर्कुलेशन के जरिए सातवें वेतन आयोग को मंजूरी दे चुकी है। अब कैबिनेट में पुष्टि के लिए इस एजेंडे को रखा जाएगा। सूत्रों की मानें तो सरकार कैबिनेट की मीटिंग के बाद डीए बढ़ाने के आदेश भी दे सकती है और साथ ही सातवां वेतन आयोग देने की घोषणा भी कर सकती है।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर पूर्व मुख्य सचिव डी सी सामंत कमेटी की रिपोर्ट को हरी झंडी दे चुकी हैं। इससे कर्मचारियों के वेतन में एक जनवरी 2016 के मूल वेतन व डीए से न्यूनतम 14.22 फीसदी और पेंशन में मूल वेतन से 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहा है। इसके अलावा नए वेतनमान के तहत पहली बार 5 प्रतिशत डीए भी लागू करने की प्रक्रिया चल रही है।
बताया जा रहा है कि सातवें वेतन आयोग को लागू करने से प्रदेश के 8 लाख 11 हजार कर्मचारियों और तीन लाख 54 हजार पेंशनर्स को फायदा मिलेगा। इससे सरकार पर 10,500 करोड़ का भार आने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसके अलावा अगर केन्द्र की तर्ज पर डीए का लाभ दिया गया तो राज्य के कर्मचारियों को भी नए वेतनमान के साथ 5 फीसदी डीए का लाभ मिलेगा।
मोदी सरकार एक जनवरी से दोबारा बढ़ा सकती है सैलरी
आपको बता दें कि सरकार ने छह महीने पहले सातवें वेतन आयोग देने के लिए डी.सी.सांवत कमेटी का गठन किया था। कमेटी की ओर से कर्मचारियों को दी जाने वाले वेतनमान की सिफारिशों के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की गई है। सरकार ने कमेटी को रिपोर्ट पेश करने के लिए समय भी निर्धारित किया था पर रिपोर्ट तैयार नहीं होने के कारण चार बार इसका कार्यकाल बढ़ाया गया था। सरकार ने 23 फरवरी को पे कमेटी गठित की थी। केंद्र में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में मूल वेतन को 2.57, 2.67 और 2.72 से गुना कर फिक्सेशन किया गया है। 7वीं पे कमेटी ने एक जनवरी 2016 को निर्धारित वेतन को आधार बनाकर ही सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपी हैं।