उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालने के बाद राम मंदिर को लेकर बयान दिया है। आरएसएस के मुखपत्र को दिए अपने साक्षात्कार में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा बातचीत से सुलझना चाहिए।
मैगजीन ने अपने लेख में लिखा है कि योगी आदित्यनाथ ने सुप्रीम कोर्ट की सलाह का स्वागत किया है, और कहा की यह मुद्दा बड़ा है और इसे बातचीत के माध्यम से ही सुलझाया जा सकता है।
सरकार सहयोग को तैयारः
योगी आदित्यनाथ ने अपने साक्षात्कार में कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के सुझाव का स्वागत करता हूं, यह मामला मैत्रीपूर्ण माहौल में बातचीत के जरिए सुलझना चाहिए, इसके लिए अगर किसी भी चरण में सरकार के सहयोग की जरूरत होगी तो हम इसके लिए तैयार है।
राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा थाः
राम मंदिर को लेकर कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था की दोनों पक्ष इस मुद्दे को बैठकर सुलझाए और आवश्यक्ता पड़ी तो कोर्ट इसकी मध्यस्थता करने को भी तैैयार है।
कोर्ट के निर्देश पर की गई कार्रवाईः
अवैध बूचड़खानों के खिलाफ चलाए गए अभियान के बारे में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जो भी कार्रवाई की गई वह हाईकोर्ट के निर्देश पर की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल 2015 और हाई कोर्ट ने अपने फैसले में अवैध बूचड़खानों की बात कही थी।
साथ ही राज्य सरकार को इसके लिए काम करने का निर्देश दिया था, हमने कोर्ट के उन्ही दिशा निर्देशों का पालन करते हुए काम करना शुरु किया है।
वैध बूचड़खानों पर नहीं होगी कार्रवाईः
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने साफ किया है कि अगर बूचड़खाने के पास लाइसेंस है और वह सभी मानकों का पालन करता है तो उसके खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की जाएगी।
अगर कोई भी अधिकारी ऐसा करता है तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, लेकिन किसी को भी अवैध बूचड़खाने के नाम पर अव्यवस्था फैलाने नहीं दी जाएगी।