बाबरी मस्जिद मामले में लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती सहित 13 नेताओं पर आपराधिक षडयंत्र का मामला चलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (19 अप्रैल) को यह फैसला दिया। इसमें रोजाना सुनवाई होगी। धारा 120 (बी) के तहत मामला चलाया जाएगा। इसके अलावा मामले की सुनवाई कर रहे जज का इस बीच तबादला भी नहीं किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अभी कल्याण सिंह को इस मामले से बाहर रखा है। क्योंकि वह राजस्थान के गवर्नर हैं। जबतक वह गवर्नर रहेंगे तबतक उनपर कोई केस रजिस्टर नहीं होगा। इस ट्रायल को दो साल में खत्म करने की बात सुप्रीम कोर्ट ने कही है। इसके लिए मामले की लखनऊ कोर्ट में रोजाना सुनवाई होगी। केंद्रीय मंत्री उमा भारती पर भी केस चलेगा।
इन नेताओं पर चलेगा मुकदमा: लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, विष्णु हरि डालमिया, सतीश प्रधान, सी आर बंसल, साध्वी ऋतंभरा, आर वी वेदंती, जगदीश मुनि महाराज, बी एल शर्मा, नृत्य गोपाल दास, धर्म दास, सतीश नागर।
इन लोगों का हो चुका है निधन: बाल ठाकरे, आचार्य गिरिराज किशोर, अशोक सिंघल, महंत अवेद्यनाथ, परमहंस राम चंद्र दास और मोरेश्वर सावे। उनके अलावा कल्याण सिंह को फिलहाल मामले से बाहर रखा गया है, क्योंकि वह अभी राजस्थान के गवर्नर हैं।
क्या है सेक्शन 120-B : इंडियन पेनल कोड, 1860 के मुताबिक, इस मामले में दोषी पाए जाने पर अधिकतम तीन साल तक की सजा मिल सकती है।
दोनों मामलों की सुनवाई एक साथ होगी: छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा गिराने से संबंधित दो तरह के मामले हैं। पहला अज्ञात ‘कारसेवकों’ से जुड़ा है जिसमें सुनवाई लखनऊ की एक अदालत में चल रही है जबकि दूसरी तरह के मामले रायबरेली की एक अदालत में वीवीआईपी से संबंधित हैं। रायबरेली वाले केस को चार हफ्ते में लखनऊ ट्रांसफर किया जाएगा।