राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की रविवार (19 मार्च) से तीन दिवसीय बैठक शुरू हो गई जिसमें आर्थिक विषमता, पर्यावरण-असंतुलन और आतंकवाद को विश्व मानवता के लिए गंभीर चुनौती के साथ तीन तलाक जैसे विषयों पर प्रमुखता से विचार किये जाने की उम्मीद है.
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा कि 19 से 21 मार्च तक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक होगी जिसमें पूरे देश से 1400 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. यह आरएसएस की सर्वोच्च निर्णय करने वाली संस्था है और इस बार यह बैठक तमिलनाडु के कोयंबतूर में हो रही है, और ऐसे में स्वाभाविक रूप से उत्सुकता अधिक है
उन्होंने कहा कि इस बैठक में विभिन्न प्रांतों से आए प्रतिनिधि अपनी रिपोर्ट सौंपने के साथ अपने अपने क्षेत्र में कार्यक्रम एवं अनुभव को साझा करते हैं. इस बैठक में एक प्रस्ताव भी पारित किया जायेगा. संघ की इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत, सरकार्यवाह भैयाजी जोशी, सभी सहसरकार्यवाह मौजूद रहेंगे. इसके साथ ही प्रतिनिधि सभा के सदस्य और संघ के सभी अनुषांगिक संगठनों के प्रमुख भी हिस्सा लेंगे.
इस बैठक में केरल में संघ कार्यकर्ताओं के प्रति मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की कथित हिंसक गतिविधियों पर चर्चा हो सकती है. इसके अलावा बैठक में विश्व में बढ़ रही आर्थिक विषमता, पर्यावरण-असंतुलन और आतंकवाद को विश्व मानवता के लिए गंभीर चुनौती मानकर चिंता व्यक्त की जा सकती है. तीन तलाक के विषय पर बैठक के दौरान विचार किया जा सकता है.
गांव में खोलने की योजना:
बैठक में संघ विश्वविद्यालयों में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के विषय पर भी चर्चा कर सकता है. इसके अलावा देश के हर गांव में शाखा खोलने की योजना है. साथ ही सस्ती शिक्षा, बेहतर चिकित्सा व्यवस्था जैसे विषयों पर भी चर्चा हो सकती है.