समाजवादी पार्टी नेता आजम खान ने रविवार (नौ अप्रैल) को गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी अधोक्षानंद महाराज द्वारा दी गयी गायों को लौटा दिया। आजम खान ने कहा कि कोई गौरक्षक इन गायों को मारकर उन्हें बदनाम कर सकता है। उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे खान ने स्वामी अधोक्षानंद को एक पत्र लिखकर कहा, “मुस्लिम असुरक्षा के माहौल में जी रहे हैं…कोई गौरक्षक मुझे और मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने के लिए इस सुंदर और लाभदायक जीव को नुकसान पहुंचा सकता है या उसकी हत्या कर सकता है।”
हिंदू संत ने आजम खान को अक्टूबर 2015 में काली गायें उपहार में दी थीं। खान ने अपने डेयरी में इन गायों की इच्छा जतायी थी। खान ने गायों को लौटाते समय कहा कि देश में मुसलमानों के खिलाफ एक कुत्सित प्रचार अभियान चलाया जा रहा है और उनकी हालत गुलामों से भी खराब है। आजम खान ने प्रदेश की योगी आदित्य नाथ नीत भाजपा सरकार पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
योगी आदित्य नाथ सरकार पर टिप्पणी करते हुए खान ने कहा, “वेरी वीआईपी को मीट खाने की सुविधा है लेकिन आम आदमी को बेवजह परेशान किया जा रहा है, यहां तक कि मारा जा रहा है।” सपा नेता ने शंकराचार्य को आश्वासन दिया कि उन्होंने गायों की “सर्वोत्तम देखभाल” की है और उनकी “सुरक्षा” को देखते हुए उन्हें वापस कर रहे हैं। खान ने पत्रकारों को बताया कि गायें सुरक्षित शंकराचार्य के मठ में पहुंच चुकी हैं।
आजम खान इससे पहले भैंस को लेकर भी चर्चा में रह चुके हैं। जब उनकी भैंसें गायब हो गयी थीं तो उत्तर पुलिस को कड़ी फटकार लगाकर उन्हें तत्काल खोजने के लिए कहा गया था। प्रदेश की खराब कानून व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस का एक नेता की भैंस खोजने को तवज्जो देने की खबर देखते ही देखते सोशल मीडिया में वायरल हो गयी। खान ने मामले में सफाई दी लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। बहरहाल, यूपी पुलिस दूसरे अपराधों के मामलों में भले ही उतनी काबिल न मानी जाती हो लेकिन इस मामले में उसने अपनी क्षमता सिद्ध करते हुए भैंसों को खोज निकाला था।