Saturday, April 20, 2024
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सबसे बड़े रोड टनल का उद्घाटन करेंगे पीएम नरेंद्र मोदी

SI News Today

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार ( दो अप्रैल) को भारत की सबसे बड़ी हाईवे सुरंग का उद्घाटन करेंगे। जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग 44 (नेशनल हाईवे) पर स्थित ये सुरंग 9.28 किलोमीटर लंबी है। ये सुरंग जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले के चेनानी को रामबन जिले के नशरी से जोड़ती है। 3720 करोड़ की लागत से बनी इस सुरंग का निर्माण कार्य रिकॉर्ड साढ़े पांच साल में पूरा कर लिया गया। इसका निर्माण इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएलएंडएफएस) ने किया है। ये सुरंग समुद्र तल से 4000 फीट ऊपर है।

इस सुरंग से जम्मू और श्रीनगर के बीच की दूरी 30 किमी कम हो जाएगी और हर यात्रा के दौरान दो घंटों की बचत होगी। इस सुरंग से एनएच 44 पर कई जगहों पर होने वाली बर्फबारी और भूस्खलन से रास्ता जाम होने की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक इससे हर दिन 27 लाख रुपये के ईंधन की बचत होगी। इस सुरंग से यात्रा करने में कार से 55 रुपये (आना-जाना मिलाकर 85 रुपये), मिनिबस से 90 रुपये (आना-जाना मिलाकर 135 रुपये) और बस-ट्रक से 190 रुपये (आना-जाना मिलाकर 285 रुपये) खर्च होंगे। सुरंग से डोडा और किश्तवाड़ इत्यादि के बीच आवागमन आसान हो जाएगा।

इस सुरंग में दो समानातंर ट्यूब हैं। मुख्य ट्यूब का व्यास 13 मीटर है और सुरक्षा ट्यूब या निकास ट्यूब का व्यास 6 मीटर है। दोनों ट्यूब में 29 जगहों पर क्रास पैसेज हैं। मुख्य ट्यूब में हर 8 मीटर पर ताजा हवा के लिए इनलेट बनाए गए हैं। हवा बाहर जाने के लिए हर 100 मीटर पर आउटलेट बनाए गए हैं। आईएलएंडएफएस के प्रोजेक्ट डायरेक्टर जेएस राठौर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि चेनानी-नशरी सुरंग भारत की पहली और दुनिया की छठी ऐसी सुरंग है जिसमें वायु संचरण के लिए ट्रांसवर्स वेंटिलेशन सिस्टम लगा हुआ है। ट्रांसवर्स वेंटिलेशन सिस्टम से वाहनों का धुआं सुरंग के अंदर न्यूनतम स्तर तक रहेगा। इस तकनीकी के वजह से सुरंग के अंदर यात्रियों को घुटन नहीं महसूस होगी। राठौर बताते हैं कि मुख्य ट्यूब में किसी यात्री को कोई समस्या आने पर वो क्रास पैसेज का इस्तेमाल करके सुरक्षा ट्यूब में जा सकता है।

सुरंग में कुल 124 कैमरे लगे हुए हैं। सुरंग में लीनियर हीट डिटेक्शन सिस्टम लगा हुआ जो सुरंग के अंदर का तापमान बदलते ही इंटीग्रेटेड टनेल कंट्रोल रूम (आईटीसीआर) को तत्काल सूचित कर देगा। आईटीसीआर चिंताजनक हालात में सुरंग के अंदर मौजूद कर्मचारियों से संपर्क करके समस्या का निदान करेगा। सुरंग में हर 150 मीटर पर एसओएस बॉक्स लगें हैं। आपातकालीन स्थिति में यात्री इनका इस्तेमाल हॉट लाइन की तरह कर सकेंगे। आईटीसीआर से मदद पाने के लिए यात्रियों को एसओएस बॉक्स खोलकर बस “हलो” बोलना होगा। राठौर ने बताया कि इन एसओएस बॉक्स में फर्स्टएड का सामान और कुछ जरूरी दवाएं भी होंगे।

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