Friday, July 26, 2024
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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने जातिवाद और छुआछूत के खिलाफ कड़ा बयान

SI News Today

नरेंद्र मोदी सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने जातिवाद और छुआछूत के खिलाफ कड़ा बयान देते हुए शनिवार (आठ अप्रैल) को कहा, “आप कुआं हमसे खुदवाते हैं, लेकिन हमें पानी नहीं पीने देते…हम मूर्तियां बनाते हैं लेकिन मंदिरों के दरवाजे हमारे लिए बंद हैं। ” गहलोत मध्य प्रदेश के उज्जैन में डॉक्टर भीमराव आंबेडकर पर आयोजित एक राष्ट्रीय परिचर्चा में बोल रहे थे।

गहलोत ने कार्यक्रम में कहा, “कुआं हमसे खुदवा लेते हो, वो जब आपका हो जाता है तो पाी पीने से रोक देते हो। तालाब बनाना हो तो मजदूरी हमसे करवाते हो, उस समय हम उसमें पसीने भी गिराते हैं, थूकते हैं, लघु शंका आती है तो दूर जाने की बजया उसी में करते हैं, परंतु जब उसका पानी पीने का अवसर आता मिलता है तो फिर कहते हो कि अबदा जाएगा। आप मंदिर में जाकर मंत्रोचार कर प्राण-प्रतिष्ठा करते हो, उसके बाद वे दरवाजे हमारे लिए बंद हो जाते हैं। आखिर कौन ठीक करेगा इसे? मूर्ति हम बनाए, भले ही आपने पारिश्रमिक दिया होगा, पर दर्शन तो हमें कर लेने दो, हाथ तो लगा लेने दो।”

रविवार (नौ अप्रैल) को जब इंडियन एक्सप्रेस ने गहलोत से दिल्ली में संपर्क करके उनके बयान पर टिप्पणी मांगी तो उन्होंने कहा कि वो समाज में व्याप्त गैर-बराबरी को उजागर करने के लिए व्यक्त किए, जिसे आंबेडकर ने अपने समय में महसूस किया होगा। हालांकि गहलोत ने साफ किया कि उनकी टिप्पणी आज की स्थिति पर भी थी। गहलोत ने कहा कि हालात कुछ बेहतर हुए हैं लेकिन आज भी ऐसी घटनाएं सुनने में आती हैं। गहलोत ने कहा, “मैं मंत्री हूं, भेदभाव की ऐसी रिपोर्ट मिलती रहती हैं। इसमें कमी आयी है लेकिन ये समाज में अभी भी मौजूद है।”

अनुसूचित जाति से आने वाले गहलोत ने कहा कि जब वो नौजवान थे तो उन्हें भी भेदभाव का सामना करना पड़ा था। गहलोत ने बताया कि रतलाम के एक हॉस्टल में कथित “नीची जाति” के छात्र को मंदिर जाने के लिए सुरक्षा लेकर जाना पड़ा था। उज्जैन के रुपेटा (नागड़ा) गांव मं जन्मे 68 वर्षीय गहलोत तीन बार मध्य प्रदेश में विधायक रह चुके हैं। वो पहली बार 1996 में पहली बार सांसद बने। तीन बार लोक सभा सांसद रहने के बाद 2012 में वो राज्य सभा सासंद बने।

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