भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने पाकिस्तान से स्वदेश लौटे दोनों मलवियों पर बड़ा आरोप लगाया है। स्वामी ने कहा कि भारत लौट आए पाकिस्तान यात्रा के दौरान कथित तौर पर लापता हुए दोनों भारतीय मौलवी देश-विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हैं।
हजरत निजामुद्दीन दरगाह के सूफी मौलवी सैयद आसिफ अली निजामी और नाजिम अली निजामी सोमवार को पाकिस्तान से भारत लौट आए। लौटने के बाद नाजिम अली ने अपनी गिरफ्तारी के लिए पाकिस्तान के अखबार को जिम्मेदार ठहराया। उनहोंने उन दावों को खारिज किया है, जिसमें उनके ऊपर भारतीय खुफिया एजेंसी ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग’ (रॉ) से संबंध होने के आरोप लगाए गए थे।
सुब्रमण्यम का आरोप
वहीं सुब्रमण्यम स्वामी ने ‘स्वतंत्र सूचना’ के आधार पर दावा किया है कि दोनों सूफी मौलवी देशहित के खिलाफ काम कर रहे हैं। स्वामी ने कहा कि वे सहानुभूति हासिल करने के लिए झूठ बोल रहे हैं। हमें स्वतंत्र सूत्रों से जानकारी मिली है कि दोनों भारत के खिलाफ काम कर रहे हैं।
लौटे मलवी का जवाब
उधर नाजिम अली निजामी ने पाकिस्तानी मीडिया की उन खबरों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि वे भीतरी सिंध में थे, जहां मोबाइल नेटवर्क नहीं था। उन्होंने बताया कि हमारे पास सिंध के भीतरी क्षेत्र में जाने के लिए वीजा नहीं था तो हम वहां कैसे जाते। हम सूफी विचारधारा से संबंध रखते हैं जो शांति और भाईचारा सिखाती है।
पाकिस्तानी एजेंसियों द्वारा पूछताछ करने के सवाल पर नाजिम ने कहा कि उनसे वीजा और आव्रजन के संबंध में पूछताछ की गई थी। नाजिम और सैयद आसिफ निजामी ने कहा कि हम केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और हमारी वापसी के लिए प्रार्थना करने वाले सभी धर्मों के शुभचिंतकों को धन्यवाद देते हैं।
यह है मामला
80 वर्ष के सैयद आसिफ निजामी अपनी बहन से मिलने के लिए भतीजे नाजिम अली निजामी के साथ 6 मार्च को पाकिस्तान गए थे। वे 13 मार्च को कराची पहुंचे और पाकपट्टन में सूफी संत बाबा फरीद गांग के दरगाह पर जियारत के लिए गए थे। दोनों 14 मार्च को लाहौर से लापता हो गए थे। दोनों मौलवियों के लापता होने से भारत और पाकिस्तान में हड़कंप मच गया था।