Friday, May 17, 2024
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जस्टिस कर्णन मामले में सुप्रीम कोर्ट की फटकार

SI News Today

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जस्टिस कर्णन की याचिका सुनने से इनकार कर दिया. साथ ही कोर्ट ने उनके वकील को फटकार भी लगाई. कोर्ट ने जस्टिस कर्णन के वकील से वक्त बर्बाद न करने की नसीहत दी. जस्टिस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना के मामले में दोषी करार देते हुए जस्टिस कर्णन को 6 महीने की सजा सुनाई है.

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताई. उन्होंने जस्टिस कर्णन के वकील से कहा कि बार-बार कोर्ट का वक्त जाया ना करें. चीफ जस्टिस ने कहा कि, ‘आपको जो कहना है, बाहर जाकर प्रेस से कहें. जब आपकी याचिका रजिस्ट्री में पास हो जाएगी तो बेंच में भेज दी जाएगी.

कोर्ट से बाहर निकालने की चेतावनी
सुनवाई के दौरान जज काफी नाराज हो गए. जस्टिस कर्णन के वकील के बार-बार बोलने पर कोर्ट ने उन्हें चुप न होने पर बाहर निकालने की चेतावनी दी. दरअसल जस्टिस कर्णन के वकील की दलील थी कि कोर्ट का आदेश अंसवैधानिक है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को ये आदेश वापस लेना चाहिए.

क्या था विवाद
दरअसल जस्टिस कर्णन ने मद्रास हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के कई जजों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. सुप्रीम कोर्ट के 7 जजों की बेंच ने इस सिलसिले में जस्टिस कर्णन की लिखी चिट्ठियों का स्वत: संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मुकदमा शुरू किया था. फरवरी में सर्वोच्च अदालत ने उनपर किसी भी तरह के प्रशासनिक और न्यायिक फैसले लेने की रोक लगा दी थी. इस सिलसिले में जस्टिस कर्णन 31 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे. ऐसा करने वाले वो किसी भी हाईकोर्ट के पहले जज थे. उन्होंने 2 मई को संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ समन जारी किया था. वहीं, सुप्रीम कोर्ट की बेंच का तर्क था कि जस्टिस कर्णन की मानसिक हालत ठीक नहीं है. इसी के चलते उनके मेडिकल टेस्ट का आदेश भी जारी किया गया था. लेकिन 4 मई को जस्टिस कर्णन ने मेडिकल जांच से ये कहते हुए इनकार कर दिया था कि वो पूरी तरह ठीक हैं.

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