सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक मौलवी बता रहा है कि जो काम हिंदू करते हैं वही तो मुसलमान भी कर रहे हैं फिर सिर्फ हिंदू काफिर कैसे हुए। इस वीडियो को लाखों लोगों ने शेयर किया है साथ ही लगभग 26 लाख से ज्यादा लोग देख भी चुके हैं। इस वीडियो में एक मौलवी माइक में रामायाण के श्लोक पढ़ते हुए कह रहा है कि हिंदुओं में जब कोई मर जाता है तो राम नाम सत्य कहा जाता है ठीक उसी तरह जैसे मुसलमान किसी के मरने पर कलमा पढ़ते हैं। ये समझा रहा है कि मुसलमान जो कहते हैं कि हिंदू काफिर होता है तो फिर मुसलमान भी काफिर हुए क्योंकि जो काम वो लोग करते हैं वही तो हम भी कर रहे हैं। इस सात मिनट के वीडियो में अपनी सभी बातों को ये मौलवी तर्कों के साथ रख रहा है। ये मौलवी बता रहा है कि जैसे हिंदू मूर्ति पूजा करते हैं वैसे ही मुसलमान भी मजार को पूजते हैं। हिंदू मूर्ति पर फूल, माला और प्रसाद चढ़ाते हैं तो मुसलमान भी चादरें, मालाएं चढ़ाते हैं। दोनों में फर्क बस इतना है कि हिंदू खड़ी मूर्ति की पूजा करता है और मुसलमान मजार के रूप में पड़ी मूर्ति की।
वीडियो में ये मौलवी यह भी बता रहा है कि कम से कम हिंदुओं को ये तो पता रहता है कि वो किसकी पूजा करते हैं लेकिन हम मुसलमानों में तो किसी की भी मजार बना दी जाती है। ये मौलवी अपना अनुभव बताते हुए कह रहा है कि बनारस में एक मुसलमान जो नंगा घूमता रहता था..उसे नमाज तक पढ़ना नहीं आता था। एक दिन वो मर गया और उसकी मजार बनाकर इबादत होने लगी। ऐसा बातों पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए ये मौलवी ये भी कहता है कि ये सब दोनों ही धर्मों में हो रहा है।