Tuesday, April 16, 2024
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…तो क्या बढ़ रही है CM योगी आदित्य नाथ और डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य के बीच दूरी?

SI News Today

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्य नाथ सरकार और पार्टी संगठनों के बीच बेहतर तालमेल के लिए एक कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया है। एशियन एज की रिपोर्ट के मुताबिक आरएसएस इस बात से चिंतित है कि यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच दूरी बढ़ रही है। आरएसएस इस बात से भी चिंतित बताया जा रहा है कि यूपी बीजेपी का अध्यक्ष मौर्य के डिप्टी सीएम बनाए जाने के बाद संगठन से जुड़े मुद्दों की अनदेखी हो रही है।

आरएसएस के एक वरिष्ठ नेता ने एशियन एज को बताया कि जब तक संगठन और सरकार आपसी तालमेल के साथ काम नहीं करेंगे तब तक योगी आदित्य नाथ सरकार के किए अच्छे कामों की जानकारी जनता तक नहीं पहुंचेगी। आरएसएस नेता ने कहा इसके साथ ही संगठन से दूरी बढ़ जाने पर मुख्यमंत्री आदित्य नाथ को जनता की समस्याओं की सही जानकारी नहीं मिले पाएगी।

रिपोर्ट के मुताबिक इस कमेटी के गठन का असल मकसद सरकार और संगठन में उभरने वाले असंतोष को जनता दरबार में पहुंचने से पहले ही सुलझा लेना है ताकि पार्टी और सरकार की छवि खराब न हो। रिपोर्ट के अनुसार आरएसएस यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच बढ़ते मतभेद की खबरों से चिंतित है। मार्च 2017 में यूपी विधान सभा चुनाव में दो-तिहाई बहुमत पाने के बाद राज्य में भाजपा सरकार बनी तो योगी आदित्य नाथ को सीएम बनाने के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य और  लखनऊ के मेयर दिनेश शर्मा को डिप्टी सीएम बनाया गया।

यूपी में भाजपा की सरकार बने करीब दो महीने ही हुए हैं जबकि सीएम आदित्य नाथ और डिप्टी सीएम मौर्य तीन बार परस्पर विरोधी बयान दे चुके हैं। हाल ही में मौर्य ने मीडिया से कह दिया कि राज्य सरकार सरकारी योजनाओं में मुसलमानों का कोटा खत्म करने वाली है। रिपोर्ट के अनुसार इस खबर के सामने आते ही सीएम आदित्य नाथ ने सामाजिक कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री से इसका खंडन करने के लिए कहा।

इससे पहले मौर्य ने एक बैठक में राज्य के स्कूलों की यूनिफॉर्म केसरिया रंग की करने की बात कही जिसे सीएम आदित्य नाथ ने खारिज कर दिया। वहीं जब मौर्य ने लखनऊ स्थित सचिवालय के एनेक्सी बिल्डिंग में अपनी नेमप्लेट लगवा दी तो सीएम आदित्य नाथ ने उसे हटवा दिया।  बाद में मीडिया में खबर आई कि नेमप्लेट को लेकर हुई गफलत आदित्य नाथ और मौर्य के दफ्तर कहां होंगे इस बारे में स्थित साफ न होने की वजह से हुई।

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