कोई इंसान किसी के प्यार में इतना अंधा भी कैसे हो सकता है कि उसे उस प्यार के सामने अपना खून अपने बच्चों की पीड़ा भी नजर न आए। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में देखने को मिली जहां पर एक व्यक्ति ने अपने बीवी के मरते ही अपनी प्रेमिका की शर्त पर अपने बच्चों की सुपारी दे दी और सात वर्षीय बेटी का खून कर दिया। यह मामला उस समय सामने आया जब पड़ोसियों ने आरोपी की बेटी तनिषा के शव को गुपचुप तरीके से जलाने की सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने हत्या के शक में बॉडी को अपने कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने पर यह साफ हो गया कि बच्ची की गला घोंटकर हत्या की गई है।
एक पुलिस अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जब पुलिस ने बच्ची के पिता को इस घटना की जानकारी दी तो उसने इस मामले में शिकायत दर्ज कराने से इनकार कर दिया। इस मामले की जांच कर रही टीम का नेतृत्व कर रहे स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर सुखबीर मलिक को संदेह हुआ कि इस हत्या के पीछे किसी घरवाले का ही हाथ है। तनिषा के पिता का नाम धर्मवीर है। पुलिस ने जब धर्मवीर के परिजनों से इस मामले में पूछताछ की तो उन्होंने पाया कि घर का एक सदस्य संजय गायब है। शुक्रवार पुलिस को सूचना मिली की वह पूर्वी दिल्ली के प्रेम विहार इलाके में है जहां पर पुलिस ने उसे जाकर धर-दबोचा। संजय से पुलिस ने पूछताछ की तो उसने तनिषा की हत्या का जुर्म कबूल किया। उसने पुलिस को बताया कि जब तनिषा 10 अगस्त को घर में टीवी देख रही थी तो उसकी हत्या कर दी गई।
संजय ने दावा किया कि तनिषा के पिता धर्मवीर ने एक कपड़े की मदद से अपनी बेटी की गला घोंटकर हत्या की है। संजय रिश्ते में धर्मवीर का भतीजा लगता है। उसने बताया कि उसके चाचा धर्मवीर ने उसे अपने बच्चे तनिषा, तरुण और इशान की हत्या करने की सुपारी दी थी। धर्मवीर ने इस हत्या के लिए संजय के साथ 30 हजार में सौदा किया था जिसमें से उसने संजय को 5 हजार रुपए पहले ही दे दिए थे। तनिषा के बाद वे तरुण और इशान की हत्या करने वाले थे लेकिन पुलिस ने उन्हें पहले ही धर दबोचा। खबर के अनुसार जून में धर्मवीर की पत्नी की मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद वह अपने तीनों बच्चों को लेकर घर से चला गया था। धर्मवीर दूसरी शादी करना चाहता था लेकिन उसके बच्चे उसकी शादी में रुकावट बन रहे थे क्योंकि उसके प्रेमिका ने शादी करने के लिए उसके सामने शर्त रखी थी कि वह बच्चों की जिम्मेदारी नहीं उठा सकती।