लगातार 5 दिन से हड़ताल के बाद शुक्रवार शाम को महाराष्ट्र के डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ मुलाकात के बाद डॉक्टरों ने काम पर लौटने का फैसला किया. इससे पहले बंबई हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भी डॉक्टर्स काम पर लौटने को राजी नहीं थे.
दरअसल डॉक्टरों की इस हड़ताल की वजह से राज्य भर में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा सी गई और इसे लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सब्र का बांध भी टूटता दिख रहा था. सीएम ने बेहद सख्त लहजे में कहा था कि अब बहुत हो गया. इस बीच लगातार अस्पतालों में मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा था. अब तक करीब 150 मरीज समय पर इलाज न मिलने से दम तोड़ चुके हैं. मुंबई के KEM अस्पताल में 53, नायर अस्पताल में 34 और सियॉन अस्पताल में 48 मरीजों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा बाकी के अस्पतालों में मरीजों के दम तोड़ने की खबर है.
महाराष्ट्र विधानसभा में इस बाबत बयान देते हुए सीएम फडणवीस ने कहा था, डॉक्टरों पर हमला गलत है. यह सिर्फ डॉक्टरों पर ही नहीं, बल्कि सिस्टम पर हमला है. लेकिन डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर लिखित आश्वासन के बाद भी उनका इस हड़ताल जारी रखना पूरी तरह असंवेदनशील है.’
फडणवीस ने इसके साथ ही चेतावनी भरे लहजे में कहा कि वह हड़ताली डॉक्टरों के संगठन से आखिरी बार बातचीत करने जा रहे हैं. अगर वह नहीं माने और हड़ताल वापस नहीं लिया, तो हम हाथ पर हाथ धरे बैठे नहीं रह सकते. डॉक्टरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘बस अब बहुत हो गया. अगर उन्होंने अपना हड़ताल वापस नहीं लिया, तो हम कानूनी कार्रवाई करेंगे.’
बता दें कि बंबई हाईकोर्ट ने गुरुवार को इन रेजिडेंट डॉक्टरों को तत्काल काम पर लौटने का निर्देश दिया था. अदालत के आदेश के बाद महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (MARD) ने भी बीती हड़ताली डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की थी. हालांकि इस अपील के कुछ डॉक्टर ही काम पर लौटे हैं और इससे मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और सरकारी अस्पतालों के बाहर लोगों की भीड़ लगी है.
वहीं हाईकोर्ट ने भी अपने निर्देशों की इस तरह अवहेलना पर सख्त रुख अपनाते हुए MARD अध्यक्ष और सचिव से हलफनामा दायर करने को कहा है, जिसमें डॉक्टरों के काम पर नहीं लौटने पर उन्हें बर्खास्त करने की बात लिखी हो. हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस मंजुला चेल्लुर ने कहा, ‘आप (डॉक्टरों) के रवैये से हमें लग रहा है कि हमने गलती कर दी.’