Hundreds of soldiers are stuck in the Supreme Court.
इन दिनो उच्चतम न्यायालय के चक्कर लगा रहें हैं सेना के सैकड़ों जवान। उन क्षेत्रों में सैन्य अभियान चलाने पर 300 से अधिक जवानों ने अपने खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जहां पर अफस्पा लागू है। आपको बता दे कि जवानों के इस मांग का सम्मान कोर्ट ने भी किया है। और उच्चतम न्यायालय ने सेना के जवानों पर मुकदमा चलाने की चुनौती देने वाली उनकी इस याचिका पर 20 अगस्त को सुनवाई होगी।
हालांकि सरकार का दावा था कि सेना के किसी जवान या अफसर के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए उसे केंद्र से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है और यह जम्मू कश्मीर सरकार की याचिका थी जिस पर उच्चतम न्यायालय तैयार हो गया था। आपको बता दे कि सरकार की एक दलील यह भी थी कि मामले में सभी राज्यों या फिर असम और मणिपुर को पार्टी बनाया जाए लेकिन कोर्ट ने इसको मानने से साफ इंकार कर दिया था। दरअसल चीफ जस्टिस दीपक मिश्र की बेंच का कहना था कि हम इस दलील से जरा भी सहमत नहीं हैं।
क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने बीती पांच मार्च को शोपियां मामले में विवेचना करने पर रोक लगा दी थी, जिसके कारण राज्य सरकार की हालिया याचिका का महत्व भी बढ़ जाता है।