Saturday, June 1, 2024
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UP के कानपुर IIT विशेषज्ञों ने ईजाद की Artificial Cloud की तकनीक

SI News Today

Kanpur IIT Experts develop Technique of Artificial Cloud.

    

कानपुर।
उत्तर प्रदेश को वायु प्रदूषण से बचाने के लिये IIT कानपुर ने Cloud Seeding से कृत्रिम बारिश कराने की योजना बनाई है। भारतवर्ष के कई क्षेत्र हर साल सूखा से प्रभावित होते है जिसके निपटने के लिए सरकार हर साल कई योजनाए तैयार करती है लेकिन ये योजनाए सूखाग्रस्त इलाको में रहने वालो के लिए नाकाफी है।  लेकिन अब इन दोनों तरह की समस्याओं से निपटने के लिए IIT कानपुर के विशेषज्ञों कृत्रिम बादलो की जिस तकनीक को ईज़ाद किया है, उससे तमिलनाड़ु , कर्नाटक और महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश में भी अब सूखा प्रभावित क्षेत्रों में कृत्रिम वर्षा कराई जा सकेगी। प्रदेश में पहली बार इस तरह की प्रक्रिया के लिए राज्य के पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी मिल गयी है। अब इंतजार केंद्रीय नागर विमानन मंत्रालय से मंजूरी मिलने का है।

कैसे बनते है Artificial Cloud ?

Cloud Seeding में प्राकृतिक गैसों का इस्तेमाल किया जाता है। कृत्रिम बादलो को बनाने के लिए रसायनो का इस्तेमाल करके उस इलाके की हवा को ऊपर की ओर भेजा जाता है। Cloud Seeding की प्रक्रिया में एक विशेष विमान की जरुरत होती है, जो आईआईटी के पास उपलब्ध है। IIT के पास विमान में लगने वाले सभी उपकरण भी मौजूद हैं। कृत्रिम बादलो को बनाने के लिए कैल्सियम क्लोराइड, कैल्शियम कार्बाइड, कैल्सियम ऑक्साइड, नमक, यूरिया आदि यौगिकों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके बाद इसके द्रव्यमान को बढ़ाने के लिए नमक यूरिया अमोनियम नाइट्रेट, शुष्क बर्फ, कैल्शियम क्लोराइड यौगिकों का इस्तेमाल करते है। फिर सिल्वर आयोडाइड और शुष्क बर्फ जैसे ठंडा करने वाले रसायनों की आसमान में छाए कृत्रिम बादलों पर गिराया जाता है, जिसके बाद कृत्रिम वर्षा होना प्रारम्भ हो जाती है। लेकिन इसे बनाने के लिए यौगिकों का सही मात्रा में इस्तेमाल होना चाहिए। इससे बादलों में मौजूद नमी बूंदों का रुप लेकर तेजी से नीचे आती है और कृत्रिम बारिश हो जाती है।

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