Friday, May 17, 2024
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मोदी इस कार्यक्रम से लगाएंगे ‘मिशन-2019’ पर निशाना!

SI News Today

Modi will focus on this program ‘Mission-2015’!

कैराना से सटे बागपत में पीएम मोदी 27 मई को दिल्ली-मेरठ ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेंगे. चुनाव के मद्देनजर रालोद इस कार्यक्रम का विरोध कर रही है. दरअसल, 28 मई को कैराना लोकसभा के लिए उपचुनाव होने वाला है. रालोद और सपा गठबंधन को डर है कि अगर कैराना से सटे बागपत में पीएम मोदी चुनाव से ठीक एक दिन पहले किसी कार्यक्रम में शामिल होते हैं तो वोटरों पर इसका बहुत असर पड़ेगा. पीएम मोदी का संबोधन चुनावी गणित को बिगाड़ सकता है. इसी डर के चलते राष्ट्रीय लोकदल ने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के उद्घाटन कार्यक्रम पर रोक की मांग की है. पीएम मोदी के कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग को लेकर रालोद ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है.

सपा-बसपा गठबंधन को मात देने की तैयारी
दरअसल, यूपी में बीएसपी और एसपी के गठबंधन बाद बीजेपी ने इस गठबंधन को मात देने के लिए बड़ी तैयारी की है.पार्टी ने गठबंधन को मात देने के लिए मैदान में पीएम मोदी और अमित शाह को उतारने की रणनीति बानाई है. यूपी की 80 लोकसभा सीटों से होते हुए दिल्ली के रास्ते को एकबार फिर आसान करने के लिए बीजेपी प्रधानमंत्री मोदी को विकास के चेहरे के साथ आगे करने जा रही है. इस मुहिम के लिए तमाम ऐसी विकास परियोजनाओं को सामने लाया जाएगा जो सरकार के विकास के एजेंडे को आगे बढ़ा सके. इस सिलसिले की शुरुआत 27 मई से होने जा रही है.

27 मई को पीएम मोदी का कार्यक्रम
केंद्र सरकार के चार साल पूरे होने के ठीक अगले दिन 27 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बागपत में दिल्ली-मेरठ ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का उदघाटन करने वाले हैं. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में जिन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास होना है, उनमें योगी सरकार का सबसे महत्वाकांक्षी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे है. इसके अलावा नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के 37,926 करोड़ की लागत के 45 बड़े प्रोजेक्ट्स हैं, जिनका उद्घाटन चुनाव के पहले कराने का लक्ष्य है. इनमें से ज्यादातर के उदघाटन के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी सुनिश्चित कराने की बीजेपी की योजना है. इसके अलावा बीजेपी शासित राज्य सरकार की अहम और बड़ी योजनाओं की भी सूची बनाकर उनके शिलान्यास या उद्घाटन के मौके पर पीएम मोदी की मौजूदगी तय कराने की रणनीति पर काम चल रहा है. इन विकास परियोजनाओं के जरिए पार्टी, प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों तक प्रधानमंत्री मोदी को आगे कर विकास के अपने वायदे को दावे मे तब्दील कर पहुंचना चाहती है.

विकास की तस्वीर पेश करने में जुटी बीजेपी
बीजेपी जहां एक ओर इन परियोजनाओं के जरिए विकास के दावे की तस्वीर पेश करना चाहती है, वहीं विपक्ष बीजेपी की इस कवायद को कोरी चुनावी चकल्लस बताने में जुटा है. विपक्ष का आरोप है कि विकास के दावे और विकास की सियासत से न बीजेपी का वास्ता है न उसे ये रास आती है. लिहाजा, बीजेपी अपनी सांप्रदायिक राजनीति पर ही केंद्रित रहे और आखिर में बीजेपी यही करेगी. 2019 की तैयारियों में लगी बीजेपी को ये बात बखूबी पता है कि दिल्ली की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर ही गुजरता है, लिहाजा यूपी में विकास का हाइवे जितना बेहतर होगा दिल्ली का सफर उतना ही आसान रहेगा. यही वजह है कि बीजेपी प्रधानमंत्री मोदी को आगे कर राजनीति के रथ पर अपनी रफ्तार को गति देना चाहती है.

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