प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा से पहले ही भारत का पहला मिसाइल ड्रोन इजरायल में बनकर तैयार हो गया है. मिसाइल से लैस इस ड्रोन की खास बात यह है कि सीमा पार से होने वाले हमलों को रोकने में यह पूरी तरह से सक्षम है.
इकनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार, हेरॉन टीपी सशस्त्र ड्रोन दुश्मन का पता लगाने और उसे नष्ट करने में पूरी तरह से सक्षम है. ये ड्रोन जमीन से हवा में मार करने में सक्षम है. भारत इसे 2015 से ही सेना में शामिल करने की तैयारी कर रहा था. इजराइल भारत का शीर्ष हथियार आपूर्तिकर्ता है. भारत की ‘मेक इन इंडिया’ पहल में भी इजरायल हिस्सेदारी करने को उत्सुक है और प्राइवेट सेक्टर में साझेदारी के साथ अपनी कंपनियों को स्थानांतरित करने की भी इच्छा रखता है.
2015 में खरीद प्रक्रिया में थी हेरॉन टीपी सशस्त्र ड्रोन
सूत्रों के अनुसार, 10 हेरॉन टीपी सशस्त्र ड्रोन जिसे भारत 2015 से ही खरीदने की प्रक्रिया में था जो अब डिलीवरी के लिए तैयार है. भारत ने ड्रोन को पहले ही खरीद लिया होता लेकिन अंतिम भुगतान अभी तक अटका हुआ है. इजराइल ने फरवरी में बेंगलुरु के एयरो इंडिया शो में हेरॉन टीपी ड्रोन का प्रदर्शन किया था, जिसके बाद 11 सितंबर 2015 में रक्षा मंत्रालय ने इजराइल से 400 मिलियन डॉलर में 10 मिसाइल-सशस्त्र ड्रोन की खरीद को मंजूरी दी थी. इससे पहले भी सशस्त्र बलों ने 2012 में इस सशस्त्र ड्रोन को खरीदने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन इस प्रस्ताव को उस समय राजनीतिक समर्थन नहीं मिल पाया था.
बराक मिसाइल की नई खेप खरीदने को भी मंजूरी
केंद्र सरकार ने नौसेना के युद्धक जहाजों के लिए सतह से हवा में मार करने में सक्षम बराक मिसाइलों की नई खेप की खरीद को सोमवार को मंजूरी दे दी ताकि हिंद महासागर क्षेत्र में बदलते सुरक्षा जरूरतों के मद्देनजर भारत की समुद्री क्षमता को बढ़ाया जा सके. रक्षा मंत्री अरूण जेटली की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की बैठक में 860 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. इसमें बराक मिसाइलों की खरीद भी शामिल है. रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि मिसाइलों को इजरायल के राफेल एडवांस डिफेंस सिस्टम्स लिमिटेड से बाई ग्लोबल कैटेगरी के तहत खरीदा जाएगा.