प्रदेशभर से जुटे छात्रों ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास पर हंगामा किया। ये स्टूडेंट्स यूपीएसएसएससी में इंटरव्यू पर रोक के विरोध में इकट्ठे हुए हैं। बता दें कि विभिन्न विभागों में खाली करीब 11 हजार पदों पर पिछली सरकार में शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया पर योगी आदित्यनाथ सरकार ने बीते बृहस्पतिवार को रोक लगा दी थी। इसके विरोध में सोमवार को 5 कलिदास मार्ग पहुंचकर सैकड़ों अभ्यर्थियों ने हंगामा किया। अभ्यर्थी सीएम से अपना ये फैसला वापस लेने की फरियाद लगाने पहुंचे। सीएम की तरफ से कोई सार्थक आश्वासन न मिलने पर छात्र धरने पर बैठ गए।
गौरतलब है कि जिन पदों की भर्ती प्रक्रिया रोकी गई है उनमें सहायक लेखाकार एवं लेखा परीक्षक के करीब 2500 और कनिष्ठ सहायक के करीब 5000 और ग्राम विकास अधिकारी के 3500 पद शामिल हैं।
राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग इन पदों के लिए लिखित परीक्षा ले चुका था। साक्षात्कार की तारीखें भी घोषित कर दी गई थीं। आयोग के सचिव के मुताबिक फिलहाल साक्षात्कार को स्थगित कर दिया गया है।
दरअसल पूर्व की अखिलेश सरकार के कार्यकाल में सभी भर्तियों पर सवाल उठते रहे हैं। कई विभागों की भर्तियों में अनियमितता का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों ने कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया था।
कई भर्तियों में तो सपा सरकार को फजीहत का भी सामना करना पड़ा था। विशेषकर पुलिस भर्ती में धांधली को लेकर सरकार की खूब किरकिरी हुई थी। विधानसभा चुनाव से पहले कई विभागों में खाली पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा हो चुकी थी।
भाजपा ने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान सपा के खिलाफ भर्ती प्रक्रिया में धांधली को मुद्दा बनाया था और वादा किया था कि भाजपा की सरकार बनी सभी भर्तियों की समीक्षा कराएंगे। हालांकि नई सरकार भी विभागवार खाली पदों की सूचना तैयार कर रही है, इसलिए माना जा रहा है कि जल्द ही सरकार की भर्ती के लिए नीति सामने आने के बाद ही आगे की कार्यवाही होगी।