भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता पिछले कुछ महीनों से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, यादव दंपति के मंत्री बेटों तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव पर एक के बाद एक कई घोटालों के आरोप लगाते रहे हैं। सुशील मोदी हर बार आरोप लगाते समय “कुछ दस्तावेज” भी मीडिया को दिए थे। ये दस्तावेज सुशील मोदी के पास कहां से आते हैं इसका खुलासा उन्होंने खुद ही कर दिया है। सुशील मोदी ने पत्रकारों से साफ कह दिया है कि उन्हें कई दस्तावेज बिहार की नीतीश कुमार सरकार के ही नेता और नौकरशाह अफसर उपलब्ध कराते रहे हैं।
सुशील मोदी ने द टेलीग्राफ अखबार से कहा कि “ये सच है कि लालू यादव के परिवार की संपत्ति से जुड़े कई अहम दस्तावेज मुझे सरकार में शामिल लोगों से मिले हैं।” जब सुशील मोदी से ये पूछा गया कि सरकार में शामिल लोगों से उनका क्या आशय है तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि “सरकार में शामिल लोगों” से उनका मतलब नेताओं और नौकरशाह दोनों से है। जब सुशील मोदी से पूछा गया कि वो कब तक लालू यादव के खिलाफ अपने खुलासे जारी रखेंगे? इस पर मोदी ने कहा, “जब तक सरकार में शामिल लोग मुझे दस्तावेज उपलब्ध कराते रहेंगे।”
एक तरफ सुशील मोदी आरोप पर आरोप लगाते जा रहे हैं तो दूसरी तरफ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) उनके लगाे सभी आरोपों को खारिज करती रही है। सुशील मोदी का बयान आने के बाद जदयू के नेताओं ने इस बात से साफ इनकार कर दिया कि सरकार में शामिल कोई नेता या नौकरशाह बीजेपी नेता को लालू यादव के खिलाफ दस्तावेज उपलब्ध कराता है। लेकिन जिस तरह मोदी एक के बाद एक खुलासे करते जा रहे हैं उससे दाल में कुछ तो काला होने की आशंका बलवती होती जा रही है।
बुधवार (21 जून) को आयकर विभाग के अधिकारियों ने लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती और उनके पति शैलेष कुमार से पूछताछ की। आयकर विभाग ने शैलेष कुमार से गुरुवार (22 जून) को भी पूछताछ की। लालू यादव एवं उनके परिजनों पर आयकर विभाग करीब एक हजार करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति के आरोप की जांच कर रहा है। वहीं लालू यादव के मंत्री बेटों तेज प्रताप और तेजस्वी यादव पर चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्ति का ब्योरा छिपाने का आरोप है।