केन्द्रीय गृह मंत्रालय से सिफारिश की गई है कि वह केजरीवाल सरकार में मंत्री गोपाल राय के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) आर. के. गौर के खिलाफ प्रशासनिक अधिकारों के दुरुपयोग के मामले में अनुशासनहीनता की कार्रवाई शुरू करे। नई दिल्ली पालिका परिषद (एनडीएमसी) के सतर्कता विभाग ने गौर के खिलाफ सेवाशर्तों के उल्लंघन संबंधी शिकायतें शुरूआती जांच में सही पाये जाने पर मंत्रालय से कार्रवाई करने की सिफारिश की है।
गुरुवार को सीबीआई ने मंत्री सत्येन्द्र जैन के कार्यालय पर छापेमारी करने और फिर ‘आप’ को गृह मंत्रालय द्वारा कल एफसीआरए के तहत नोटिस जारी होने के बाद केजरीवाल सरकार के खिलाफ केन्द्र सरकार की कार्रवाई का यह लगातार तीसरा मामला है।
दिल्ली सरकार में दानिक्स अधिकारी गौर पर साल 2015 में बतौर संपदा निदेशक, अवैध निर्माणकार्यों को नियमित करने सहित सेवा संबंधी नियमों के उल्लंघन का आरोप है। गत 26 अप्रैल को एनडीएमसी के सतर्कता निदेशक एमएल शर्मा द्वारा प्राथमिक जांच में राय के खिलाफ आरोप सही बताये जाने के बाद समझा जाता है कि गृह मंत्रालय ने अनुशासनहीनता की कार्रवाई शुरू कर दी है।
सतर्कता निदेशक की रिपोर्ट के मुताबिक गौर पर नई दिल्ली क्षेत्र में कई अवैध निर्माणकार्यों को नियमित करने के अलावा गोल मार्केट में एक दुकान का लाइसेंस अपनी मां के नाम जारी करने का भी आरोप सही पाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि केन्द्रीय सिविल सेवा के अधिकारियों के आचरण नियमों के मुताबिक सेवारत अधिकारी अपनी विभागीय शक्तियों का इस्तेमाल कर निजी या पारिवारिक लाभ अर्जित नहीं कर सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक गौर ने बतौर संपदा निदेशक अपनी मां को 5 मार्च 2015 से 31 मार्च 2021 तक के लिये एनडीएमसी की गोल मार्केट स्थित दुकान का लाइसेंस जारी किया था। जांच में लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में नियमों का पालन नहीं करने की बात सामने आई है।