Saturday, July 27, 2024
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रात को लगी आग, परिवार के चार लोगों की मौत

SI News Today

पूर्वी दिल्ली के दिलशाद गार्डन इलाके में गुरुवार देर रात आग लगने से एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई। सभी की मौत दम घुटने के कारण हुई। यह हादसा इलाके के मकान नंबर ए-99 में हुआ। हादसे में जान गंवाने वालों में दो बच्चे हैं। इसके अलावा दो लोग घायल हो गए जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस के मुताबिक, मरने वालों में विजय वर्मा, संजय वर्मा और दो बच्चे हर्षू और चीकू शामिल हैं। एक अधिकारी ने बताया कि आठ दमकल वाहनों को आग बुझाने में करीब एक घंटे का समय लगा। पुलिस को 12 साल की हर्षू, उसके पिता संजय वर्मा (40), दादा विजय वर्मा (63) और भाई चीकू (4) सीढ़ियों पर मृत मिले। बच्चों की मां मोना वर्मा (34) और एक अन्य की हालत गंभीर है। पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को हर्षू का जन्मदिन था। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 287 और 304 (ए) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

शुरुआती जांच में पता चला है कि आग बिजली के मीटर में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। आग लगने से पूरे घर में धुआं फैल गया। पार्किंग में खड़ी कई मोटरसाइकिलें और स्कूटर भी आग की चपेट में आ गए। मकान की दूसरी मंजिल पर वर्मा परिवार रहता था। पुलिस का कहना है कि भूतल पर रहने वाले लोग समय रहते बाहर निकल आए। इलाके के लोगों का कहना है कि यहां के हर घर में बिजली के एक तार में कई मीटर लगे हैं, जिससे लोड ज्यादा हो जाता है और आए दिन इलाके में आग लगती रहती है। हालांकि दमकल विभाग और पुलिस मामले की जांच कर रही है। जानकारी के मुताबिक, गुरुवार देर रात बिजली के मीटर से आग फैलनी शुरू हुई। इस मकान में कई प्लैट हैं। जब तक लोगों को पता चला, तब तक आग फैल चुकी थी। पार्किंग में खड़ी गाड़ियां भी खाक हो चुकी थीं। रात करीब तीन बजे लोगों को आग का पता चला तो हाहाकार मच गया। इमारत के फ्लैटों में मौजूद परिवारों में से कई ने जैसे-तैसे भाग कर जान बचाई, लेकिन दूसरी मंजिल पर रहने वाला वर्मा परिवार इसमें फंस गया। इसमें घर के मुखिया विजय वर्मा, बेटे संजय वर्मा, बहू मोना वर्मा और उनके बच्चे थे। आग लगने के बाद ये सभी लोग घर से बाहर आए और नीचे की तरफ भागने की कोशिश की, लेकिन चारों तरफ धुआं था। दम घुटने के कारण मोना को छोड़कर अन्य सभी की मौत हो गई। मोना करीब 40 फीसद तक झुलस गई हैं और उन्हें जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पुलिस ने कहा कि अगर वर्मा परिवार घर के अंदर रहता या बालकनी में चला जाता तो शायद इतना बड़ा हादसा नहीं होता और सभी लोग बच जाते। इस इमारत में 11 फ्लैट हैं। इमारत में रहने वाले अन्य लोग आग से बचने के लिए या तो बालकनी में चले गए या छत पर पहुंच गए। पहली मंजिल के एक फ्लैट में रहने वाली बिनेश राठी (40) भी आग से बचने के लिए अपनी बालकनी से कूद गर्इं जिससे उन्हें चोट आई है।

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