अरुण जेटली द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर दो मानहानी के मुकदमें दर्ज कराए गए हैं, जिस पर मंगलवार को केजरीवाल ने हाई कोर्ट से कहा कि उन्होंने अपने वकील राम जेठमलानी से जेटली पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए नहीं कहा था। यह सारी बातें अरविंद केजरीवाल द्वारा कोर्ट में दायर किए गए एक शपथपत्र में कही गई हैं। इसके साथ ही केजरीवाल ने कोर्ट से कहा कि उन्होंने जेठमलानी को पत्र लिखकर यह बात कही थी कि वे अपनी उस बात को वापस लें, जिसमें उन्होंने जेटली पर आपत्तिजनक टिप्पणी अपने मुवक्किल द्वारा आदेश दिए जाने की बात कही थी। केजरीवाल द्वारा कोर्ट में दायर किए गए शपथपत्र में उन्होंने जेटली के उन आरोपों को भी खारिज किया जिसमें आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने के पीछे उनका अपमान करने की साजिश बताया गया था।
गौरतलब है कि जेटली ने दिसंबर 2015 में अरविंद केजरीवाल, राघव चड्ढ़ा सहित छह आप नेताओं पर मानहानि का केस किया था। आप नेताओं ने जेटली पर आरोप लगाया था कि जेटली ने दिल्ली जिला क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के 13 साल के कार्यकाल में कई वित्तीय गड़बडि़यां कीं। इस पर जेटली ने सबूत पेश करने को कहा था। इसके बाद इस मामले की एक सुनावई के दौरान केजरीवाल के वकील जेठमलानी ने कोर्ट में जेटली से सवाल जवाब भी किए थे। जेठमलानी ने जेटली से सवाल पूछा था कि, ‘वो इस बात को समझाएं कि कैसे उनके सम्मान को पहुंचे चोट की भरपाई नहीं हो सकती और ये नुकसान मापे जाने योग्य नहीं है।’
इस केस की एक सुनवाई 17 मई, 2017 को हुई थी जिसमें मुख्यमंत्री केजरीवाल की तरफ से केस लड़ रहे वकील राम जेठमलानी ने जिरह के दौरान अरुण जेटली को CROOK (बदमाश) शब्द का इस्तेमाल कर उल्लेखित किया। इस दौरान अरुण जेटली ने कहा, ‘क्या आपको इतने भद्दे शब्द का इस्तेमाल करने की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अनुमति दी है। अगर दी है तो है मैं दस करोड़ की मानहानि वाली राशि बढ़ाने वाला हूं।’ इसके बाद जेटली ने कहा था कि अपमान की भी कोई सीमा होती है। जेटली ने कहा था कि आप निजी जिंदगी को लेकर हमले कर रहे हैं ये ठीक नहीं है।