Wednesday, July 24, 2024
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1205 आइटम्स पर GST: अनाज-कारें सस्ती होंगी

SI News Today

श्रीनगर/नई दिल्ली.आखिरकार जीएसटी से जुड़ी सबसे बड़ी घोषणा हो ही गई। यानी टैक्स रेट। श्रीनगर में चल रही जीएसटी काउंसिल की बैठक में गुरुवार को आइटम्स के टैक्स रेट तय कर दिए गए। काउंसिल ने 1205 आइटम्स की लिस्ट देर रात 11 बजे जारी कर दी। सरकार का दावा है कि इनमें ज्यादातर सामान या तो सस्ते होंगे या उनकी कीमत जस की तस बनी रहेगी। सबसे ज्यादा असर मेकअप के सामानों पर पड़ेगा। हेयर ऑयल, साबुन, टूथपेस्ट सस्ते होंगे…
– इस लिस्ट के मुताबिक 1 जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद अनाज सस्ते हो जाएंगे। काउंसिल ने इन पर टैक्स नहीं लगाने का फैसला किया है। अभी कुछ राज्य गेहूं और चावल पर वैट लगाते हैं। जीएसटी के बाद वैट खत्म हो जाएगा। दूध-दही पहले की तरह टैक्स के दायरे से बाहर रहेंगे। लेकिन मिठाई पर 5% टैक्स लगेगा। रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीजें, जैसे हेयर ऑयल, साबुन, टूथपेस्ट भी सस्ते होंगे। इन पर सिर्फ 18% टैक्स लगेगा। यह अब तक एक्साइज और वैट मिलाकर 22 से 24% तक था। यानी ये चीजें 4 से 6% तक सस्ती हो सकती हैं। वैसे चीनी, चाय, कॉफी (इंस्टेंट नहीं) और खाद्य तेल पर 5% टैक्स रेट लागू होगा। इन पर मौजूदा रेट भी इसी के आसपास है। सॉफ्ट ड्रिंक्स और कारों पर 28% टैक्स रेट लागू होगा। कारों पर सेस भी लगेगा। एसी, फ्रिज भी 28% टैक्स दायरे में रखे गए हैं। जीवन रक्षक दवाएं 5% की श्रेणी में रखी गई हैं।
पैकेज्ड और ब्रांडेड फूड पर रेट तय होना अभी बाकी
– फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली की अगुआई में गुरुवार को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में टैक्स रेट को अंतिम रूप दिया गया। जेटली ने बताया कि पैकेज्ड और ब्रांडेड फूड पर रेट अभी तय होना है। सर्विसेस पर शुक्रवार को विचार होगा। सभी आइटम्स और सविर्सेस पर टैक्स रेट को लेकर शुक्रवार को फैसला नहीं हो सका तो इसके लिए काउंसिल की एक और मीटिंग होगी। मंत्री ने कहा कि गुरुवार को जिन आइटम्स पर विचार हुआ, उनमें किसी पर भी टैक्स रेट नहीं बढ़ा है। कुछ पर कम ही हुआ है। छूट वाले आइटम्स की लिस्ट शुक्रवार को तय होने की उम्मीद है। अभी 299 चीजों को एक्साइज और 99 को राज्यों के वैट से छूट मिली हुई है।
काउंसिल ने 7 नियम मंजूर किए, 2 नियम लीगल कमेटी को विचार के लिए सौंपे
– काउंसिल ने गुरुवार को जीएसटी के 7 नियमों को अंतिम रूप दे दिया। ये नियम रजिस्ट्रेशन, रिफंड, कम्पोजिशन, इनवॉयस, पेमेंट, इनपुट टैक्स क्रेडिट और वैल्यूएशन से संबंधित हैं। रिटर्न और ट्रांजिशन से जुड़े नियमों पर फैसला नहीं हो सका। इसे लीगल कमेटी को साैंपा गया है।
बिजली और स्टील सस्ते होने के आसार
– कोयले पर टैक्स रेट 11.69% से घटाकर 5% किया गया है। इससे कोयले से बिजली बनाना सस्ता होगा। लोगों के लिए भी रेट घट सकते हैं। जीएसटी कानून में कहा गया है कि कंपनियों को कॉस्ट में बचत का फायदा कस्टमर्स को देना होगा। हालांकि बिजली कितनी सस्ती होगी, यह कहना अभी मुश्किल है, क्योंकि कोयले और बिजली पर कई जगह टैक्स लगते हैं। स्टील इंडस्ट्री में भी कोयले का इस्तेमाल होता है। उसका खर्च भी कम होगा। इससे स्टील प्रोडक्ट भी सस्ते होने की उम्मीद है।
सबसे ज्यादा असर मेकअप के सामानों पर; 11% तक बढ़ेगा टैक्स, चीनी पर 13% तक टैक्स कम होगा
अनाज और उसके प्रोडक्ट

– 00% गेहूं, चावल, दूसरे अनाज, आटा, मैदा, बेसन, चूड़ा, मूड़ी, खोई, ब्रेड (कुछ राज्य कुछ प्रोडक्ट पर वैट लगाते हैं। वहां सस्ते होंगे)
– 05% रस्क, पिज्जा ब्रेड (इन पर अभी करीब 6% टैक्स है, ये 1% टैक्स कम होगा।)
– 12% नमकीन भुजिया, मिक्सचर (एक्साइज 12.5%, वैट 5%, टैक्स 6% घटेगा।)
– 18% पास्ता, नूडल्स, पेस्ट्री, केक, (एक्साइज 12.5%, वैट 5%, टैक्स 0.1% घटेगा।)
डेयरी प्रोडक्ट
– 00% दूध, दही, लस्सी, पनीर (इन पर अब भी टैक्स नहीं लगता।)
– 05% बच्चों के मिल्क फूड
– 12% घी, चीज, बटर ऑयल (अभी 5% टैक्स है, 7% बढ़ जाएगा।)
– 18% कंडेंस्ड मिल्क (अभी एक्साइज 12.5%, वैट 5%, टैक्स 0.1% घटेगा।)
फल-सब्जियां, इनके प्रोडक्ट
– 00%कच्ची सब्जियां और फल (अब भी टैक्स नहीं लगता।)
– 5%प्रोसेस्ड फल-सब्जियां (एक्साइज और वैट मिलाकर 11%, टैक्स 6.5% घटेगा।)
– 12% फ्रूट-वेजिटेबल जूस, जूस और दूध युक्त ड्रिंक्स, (एक्साइज+वैट=11.5%, टैक्स 0.5% घटेगा।)
– 18% जैम, जेली (एक्साइज और वैट मिलाकर 11.5%, टैक्स 6.5% बढ़ेगा।)
– 05% चाय-कॉफी (अभी एक्साइज और वैट मिलाकर 18.1%, टैक्स 13.1% कम।)
चीनी-कन्फेक्शनरी
– 05%चीनी, खांडसारी (अभी चीनी पर 18.1%- खांडसारी पर 6% टैक्स, दोनों सस्ते।)
– 18% फ्लेवर्ड चीनी (अभी एक्साइज और वैट मिलाकर 18.1%, टैक्स 0.1% घटेगा।)
– 28% च्यूइंग गम (अभी एक्साइज और वैट मिलाकर 17%, टैक्स 11% बढ़ेगा।)
कॉस्मेटिक्स
– 00% कुमकुम, बिंदी, सिंदूर (इन पर अब भी टैक्स नहीं लगता।)
– 12% अगरबत्ती (12.5% एक्साइज लगता है, यह सस्ता होगा।)
– 18% हेयर ऑयल, साबुन, टूथपेस्ट (अभी एक्साइज+वैट 17%, टैक्स 1% बढ़ेगा।)
– 28% मेकअप के सामान, सनस्क्रीन लोशन, शैम्पू, हेयर क्रीम, हेयर कलर/डाइ, शेविंग क्रीम, डिओड्रेंट (अभी एक्साइज और वैट मिलाकर 17%, टैक्स 11% बढ़ जाएगा।)
प्लास्टिक की चीजें
– 18% किचन के सामान, केन, पाइप, शीट (अभी एक्साइज और वैट मिलाकर 18.1% है, टैक्स 0.1% कम होगा।)
– 28% फ्लोर कवरिंग, बाथरूम के सामान (अभी 12.5% एक्साइज और 5% वैट, कुल 18.1%, टैक्स 9.9% बढ़ेगा।)
(नोट : वैट, एक्साइज लगने के बाद जोड़ा जाता है।)
सोने पर आज तय होगा रेट
– गुरुवार को 1205 आइटम पर टैक्स को अंतिम रूप दिया गया। सोना, सिगरेट, बीड़ी, कृषि उपकरण, फुटवियर, टेक्सटाइल और बायोडीजल पर अभी टैक्स रेट तय नहीं हुआ है। इन पर टैक्स शुक्रवार को तय होने की उम्मीद है। नहीं तो एक और बैठक होगी।
लग्जरी कारों पर जीएसटी के अलावा 15% सेस भी लगेगा, यानी कुल 43% टैक्स देना होगा
– कारों को 28% टैक्स स्लैब में रखा गया है। इसके अलावा छोटी कारों पर 1%, मंझोली कारों पर 3% और लग्जरी कारों पर 15% सेस भी जुड़ेगा। अभी छोटी कारों पर 31.5% जबकि मंझोली कारों पर 49% टैक्स लगता है। इसमें एक्साइज ड्यूटी, इन्फ्रा सेस, ऑक्ट्रॉय के अलावा वैट और सीएसटी भी लगता है। जीएसटी लागू होने के बाद ये सभी टैक्स खत्म हो जाएंगे। इससे छोटी कारों पर 2.5% और मझोली कारों पर 18% तक कम टैक्स लग सकता है।
इन 5 देशों में जीएसटी लागू हुआ तो जीडीपी गिरी
– ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान, मलेशिया और सिंगापुर ने 1991 से 2000 के बीच जीएसटी लागू किया। 1994 में जब सिंगापुर ने जीएसटी लागू किया तो उस साल जीडीपी में बड़ी गिरावट दर्ज हुई। आईएमएफ के मुताबिक जीएसटी लागू होने से पहले सिंगापुर की जीडीपी 5.5% थी, जबकि जीएसटी लागू करने के बाद यह नेगेटिव में चली गई और -3% तक लुढ़क गई।
WHAT NEXT?
– काउंसिल ने रेट तय कर दिए हैं। इस काउंसिल में सभी राज्यों के फाइनेंस मिनिस्टर्स शामिल थे। इन्होंने राज्यों के फाइनेंस सेक्रेटरीज की कमेटी की तरफ से फाइनल किए गए स्लैब और रेट्स पर विचार किया। चूंकि काउंसिल में मिनिस्टर्स शामिल हैं, इसलिए स्टेट लेवल पर इस पर कोई ऑब्जेक्शन्स नहीं आएंगे।
– संसद से GST बिल पास होने के बाद अब सभी राज्य अपनी विधानसभाओं में स्टेट जीएसटी बिल पास करा रहे हैं।
– इस पूरी कवायद के बाद 1 जुलाई से GST देशभर में लागू हो जाएगा।
क्या है GST?
– GST का मतलब गुड्स एंड सर्विसेस टैक्‍स है। इसको केंद्र और राज्‍यों के 17 से ज्‍यादा इनडायरेक्‍ट टैक्‍स के बदले में लागू किया जाएगा। यह देशभर में किसी भी गुड्स या सर्विसेस की मैन्‍युफैक्‍चरिंग, बिक्री और इस्‍तेमाल पर लागू होगा।
– इससे एक्‍साइज ड्यूटी, सेंट्रल सेल्स टैक्स (सीएसटी), स्टेट के सेल्स टैक्स यानी वैट, एंट्री टैक्स, लॉटरी टैक्स, स्टैंप ड्यूटी, टेलिकॉम लाइसेंस फीस, टर्नओवर टैक्स, बिजली के इस्तेमाल या बिक्री और गुड्स के ट्रांसपोर्टेशन पर लगने वाले टैक्स खत्म हो जाएंगे।
– सरल शब्‍दों में कहें ताे जीएसटी पूरे देश के लिए इनडायरेक्‍ट टैक्‍स है, जो भारत को एक समान बाजार बनाएगा। जीएसटी लागू होने पर सभी राज्यों में लगभग सभी गुड्स एक ही कीमत पर मिलेंगे। अभी एक ही चीज के लिए दो राज्यों में अलग-अलग कीमत चुकानी पड़ती है। इसकी वजह अलग-अलग राज्यों में लगने वाले टैक्स हैं। इसके लागू होने के बाद देश बहुत हद तक सिंगल मार्केट बन जाएगा।

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