उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार के एक और फैसले को पलटने की तैयारी में है। सरकार समाज कल्याण विभाग की तमाम योजनाओं में अल्पसंख्यकों को दिया जाने वाला 20 प्रतिशत कोटा खत्म करने की तैयारी में है। समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार ने कैबिनेट बैठक के जरिए तमाम सरकारी योजनाओं में 20 प्रतिशत कोटे को मंजूरी दी थी। इसके लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए थे।
मौजूदा सरकार में समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने इस कोटे को खत्म करने की मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा, “योजनाओं में कोटा देना उचित नहीं है। हम इसे समाप्त करने के पक्षधर हैं। योजनाओं से बिना किसी भेदभाव के सभी का विकास होना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव को कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा, जहां इसके पास होने की पूरी उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि अल्पसंख्यकों को कृषि, गन्ना विकास, लघु सिंचाई, उद्यान, पशुपालन, कृषि विपणन, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, लोक निर्माण, सिंचाई, ऊर्जा, लघु उद्योग, खाड़ी ग्रामोद्योग, रेशम विकास, पर्यटन, बेसिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, युवा कल्याण, नगर विकास, नगरिया रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन, पिछड़ा वर्ग कल्याण, व्यावसायिक शिक्षा, समाज कल्याण, विकलांग कल्याण, महिला कल्याण, दुग्ध विकास, समग्र ग्राम विकास में आरक्षण का लाभ मिल रहा है।
बता दें कि हाल ही योगी ने सार्वजनिक जगहों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से निपटने के लिए बनाए गए एंटी रोमियो स्क्वॉड का नाम बदल दिया गया है। नए क्लेवर और अवतार के साथ उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की इस मुहिम को अब नारी सुरक्षा बल या विमिन प्रोटेक्शन फोर्स के नाम से जाना जाएगा। एक मंत्री ने गुरुवार को इसकी पुष्टि की है। लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी के अॉफिस में राजेंद्र प्रताप ‘मोती’ सिंह ने एचटी से कहा कि बहन-बेटियों का सम्मान सरकार की प्राथमिकता है। अब एंटी-रोमियो स्क्वॉड का नाम नारी सुरक्षा बल कर दिया गया है। एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक मंत्री ने नाम बदलने का कोई कारण नहीं बताया, लेकिन कुछ पुलिस अफसरों ने स्वीकार किया है कि एंटी रोमियो स्क्वॉड की नकारात्मक ब्रांडिंग के कारण गलत छवि बन रही थी।