उत्तर प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद बिल्डर परियोजनाओं में पूंजी फंसा चुके खरीदारों को सुनवाई की उम्मीद जागी है। निजाम में बदलाव के साथ ही अफसरों के मिजाज में भी तब्दीली आ गई है। इसी कड़ी में प्राधिकरण अधिकारियों की मौजूदगी में बिल्डर कंपनी और खरीदार, दोनों के प्रतिनिधियों को आमने-सामने बैठाकर दिक्कतों का समाधान कराने की पहल शुरू हुई है। सोमवार को सेक्टर-119 की आम्रपाली प्लेटिनम परियोजना को लेकर कंपनी अधिकारियों और निवेशकों का आमना-सामना कराया गया। प्राधिकरण अधिकारियों ने बिल्डर कंपनी को फटकार लगाते हुए 10 मई तक हर हाल में 54,000 वर्ग मीटर में बनाए जा रहे टॉवरों का पूरा ब्योरा पेश करने के निर्देश दिए। बिल्डर कंपनी को टॉवर और प्रत्येक फ्लैट में निवेशकों से ली गई रकम का भी खुलासा करने को कहा है। बताया गया है कि इस ब्योरे की जांच कराकर आॅडिट कराने की तैयारी है। इसके साथ ही बिल्डर को निर्माण कार्य पूरा करने की समयसीमा और भुगतान के लिए रकम के इंतजाम का भी खुलासा करना होगा।
सेक्टर-6 स्थित इंदिरा गांधी कला केंद्र में खरीदारों ने बताया कि 98 करोड़ रुपए की प्रीमियम लागत की एवज में 61 करोड़ रुपए का भुगतान बिल्डर कंपनी को कर चुके हैं। बिल्डर पर 31 मार्च तक प्राधिकरण का 85 करोड़ रुपए बकाया हैं। प्राधिकरण अधिकारियों ने नियोजन विभाग को परियोजना स्थल पर जाकर निर्माण सामग्री की जांच करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही 6 महीनों के दौरान निर्माण पर किए गए खर्चों का ब्योरा देने और टॉवरों का निर्माण पूरा करने के बाद कंप्लीशन प्रमाणपत्र जमा करने की तारीख बेवसाइट पर उपलब्ध कराने को कहा है।
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