Friday, July 26, 2024
उत्तर प्रदेशलखनऊ

पहले जागते तो विधानसभा में नहीं पहुंचता विस्फोटक

SI News Today
लखनऊ !सचिवालय की सुरक्षा के जिम्मेदार अधिकारियों ने अगर अपनी ज़िम्मेदारी ठीक से निभाई होती तो शायद आज विधानसभा में नहीं विस्फोटक पहुंचता। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी साम-दाम की नीति लगाकर मलाई काटते रहते हैं, अपनी ड्यूटी तक सही से नहीं निभागते हैं। विधानसभा में आज हुई दुस्साहसिक घटना इसी का नतीजा है। उक्त बातें उच्च न्यायालय के अधिवक्ता विनोद पाण्डेय ने कही हैं।
विनोद पाण्डेय ने विधानसभा की सुरक्षा को लेकर अत्यंत ही महत्वपूर्ण जानकारी प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन को दी थी, लेकिन उनकी अति संवेदनशील जानकारी पर जांच कराने के बजाए प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन ने उसे रद्दी की टोकरी में डाल दिया।
विनोद ने बताया कि दिनांक 29 मई 2017 को समय लगभग शाम 04ः15 ये 04ः35 के बीच उ0प्र0 सचिवालय के मुख्य भवन के गेट नम्बर नौ से एक साथ तीन बडी गाडियां धडधडाते हुए में सचिवालय में प्रवेश कर गई थीं। उक्त गाड़ियों में सचिवालय में प्रवेश हेतु मान्य, वाहन पास नहीं लगे थे, बावजूद इसके गाडियों को प्रवेश दिया गया। विनोद का कहना है कि उनके पास पुख्ता जानकारी थी कि उक्त तीनों वाहनों को प्रवेश देने के लिए ड्यूटी पर तैनात गार्ड को सचिवालय प्रशासन विभाग में तैनात किसी अधिकारी ने निर्देश दिए थे, जिसकी पुष्टि गार्ड के फोन काल अथवा वीडियो फुटेज से की जा सकती है। लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।
विनोद पाण्डेय ने मांग की है कि सचिवालय की सुरक्षा को कमजोर करने वाले प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन की जवाबदेही तय की जाए और उनके खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कराकर कडी कार्यवाही की जाए। साथ ही विनोद पाण्डेय ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि यदि दूर-दराज गांव से भी कोई व्यक्ति पत्र भेजता है, तो पत्र में उल्लिखत तथ्यों की जांच अवश्य कराई जाए और पत्र भेजने वाले व्यक्ति को कृत कार्यवाही की जानकारी भी दी जाए।
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