Saturday, July 27, 2024
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संसद में सांसदों ने रोया अपना अपना दुखड़ा, कहा-

SI News Today

संसद के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन राज्यसभा की कार्यवाही सांसदों की तनख्वाह पर चर्चा के साथ शुरू हुई। समाजवादी पार्टी सांसद नरेश अग्रवाल ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही सांसदों के कम वेतन की ओर उपसभापति का ध्यान आकर्षित कराना चाहा। नरेश अग्रवाल ने कहा सदन का ध्यान सांसदों की वेतन विसंगतियों की ओर आकर्षित करते हुए कहा कि हमारी सैलरी हमारे सचिव से भी नीचे है। नरेश अग्रवाल ने कहा कि मीडिया में ये प्रचारित किया जाता है कि देश के सांसद सब कुछ मुफ्त का खा रहे हैं। मुफ्त में घुम रहे हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि हमारी सैलरी हमारे सचिव से भी कम है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कुछ लोग 50 हजार रुपये में अपना घर चला लेते हो लेकिन क्या एक सांसद के लिए ये संभव है? इस दौरान जब उप सभापति ने उन्हें अपना पक्ष रखने के बाद बैठने के लिए कहा तो नरेश अग्रवाल नाराज हो गये। उन्होंने बिफरते हुए कह, ‘श्रीमान ये तो ऐसा लग रहा है जैसे हम भीख मांग रहे हैं, लेकिन हमें भीख नहीं चाहिए, अगर आपको मना करना है तो साफ मना कर दीजिए, या सरकार मना कर दे, लेकिन ऐसा नहीं लगना चाहिए सांसद भीख मांग रहे हैं।’ नरेश अग्रवाल उप सभापति पीजे कुरियन के मना करने के बावजूद बार-बार इस मुद्दे पर सरकार से जवाब की मांग करते रहे। हालांकि उपसभापति मुस्कुरा उन्हें सुनते भी रहे।

इसके बाद इसी मुद्दे पर कांग्रेस के सांसद आनंद शर्मा बोलने उठे। आनंद शर्मा ने भी कहा कि दुनिया भर में सांसदों को कहीं भी इतना अपमानित प्रताड़ित नहीं किया जाता है जितना भारत में। आनंद शर्मा ने आगे कहा कि लोग कहते हैं कि ये अपनी तनख्वाह खुद बढ़ा लेते हैं। आनंद शर्मा ने कहा कि सैलरी और भत्ता के लिए देश को कोई मैकेनिज्म बनाना चाहिए या फिर इसे पे कमीशन से जोड़ दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो रवायत दुनिया के दूसरे प्रजातंत्र में है उसे ही भारत को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सांसद को दिल्ली में घर चलाना पड़ता है, इसके अलावा अपने संसदीय क्षेत्र में भी गृहस्थी चलानी पड़ती है। आनंद शर्मा और नरेश अग्रवाल के इस बयान पर संसद में किसी भी सांसद ने हंगामा नहीं किया।

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